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कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारी, बच्चों के लिए की गई खास व्यवस्था


दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने तीसरी लहर आने की दशा में प्रशासन द्वारा की जा रही रोकथाम की तैयारियों को लेकर इसके टास्क फोर्स की अहम बैठक ली। बैठक में टास्क फोर्स के सभी अधिकारियों से उन्होंने पूछा कि आपको जो दायित्व दिए गए हैं उसके लिए आपने अब तक क्या-क्या तैयारी कर ली है। आपको किस तरह से अतिरिक्त संसाधन चाहिए और क्या बेहतर किया जा सकता है। अधिकारियों ने अब तक की तैयारियां बताईं जो इस प्रकार है।





400 बेड का ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त सेटअप तैयार





सबसे पहले सेंट्रल सेटअप सीसीएम में जहां पर्याप्त अधोसंरचना के साथ प्रभावी रिस्पांस करेगी स्पेशलिस्ट की टीम कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सीसीएम में बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, ताकि एक ही जगह प्रभावी रूप से अधिकांश पेशेंट के इलाज की उचित व्यवस्था और मानिटरिंग हो सके। अधिकारियों ने बताया कि यहां 400 बेड का ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त सेटअप तैयार है। अगर बच्चे भी गंभीर रूप से संक्रमण का शिकार होते हैं तो इसके लिए भी 100 बेड की व्यवस्था की गई है। इसमें 25 बेड ICU के, 25 बेड HDU के और 50 बेड सामान्य ऑक्सीजन युक्त बेड हैं।





वैक्सीनेशन से कोई खतरा नहीं, यह पूरी तरह सुरक्षित, तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जरुरी





ब्लॉक मुख्यालयों को भी किया जा रहा मजबूत ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था और केयर की विशेष व्यवस्था के लिए ब्लॉक मुख्यालयों, पीएचसी और सीएचसी को भी मजबूत किया जा रहा है। ब्लॉक मुख्यालयों में 20 बेड अस्पताल के लिए काम हो रहा है। पीएचसी लेवल पर भी 5 सिलेंडर रखे जाएंगे। एक महीने से 18 साल के बच्चों का इलाज सीसीएम, 1 महीने से कम आयु के बच्चे रखे जाएंगे।





1 महीने से 18 साल तक के बच्चों का इलाज





जिला अस्पताल के एसएनसीयू में बच्चों के संक्रमण का शिकार होने पर शिशुरोग विशेषज्ञों की पूरी टीम को इनके मुताबिक वेंटीलेंटर, एचएफएनसी मशीनों के साथ सीसीएम में रखा जाएगा। यहां 1 महीने से 18 साल तक के बच्चों का इलाज हो सकेगा। एक महीने से कम आयु के बच्चों का इलाज जिला अस्पताल के एसएनसीयू में होगा।





कोविड केयर पर बनेगा 3 पेज का स्टडी मटेरियल





कलेक्टर ने शिशुरोग विशेषज्ञ मल्होत्रा को बच्चों की ऑनलाइन क्लास में कोविड केयर के बारे में जागरूक करने तीन पेज का स्टडी मटेरियल बनाने को कहा है। इसे पढ़ाया जाएगा और इस पर बच्चों का टेस्ट भी लिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना बेहद अहम है इस दिशा में ऑनलाइन क्लासेस विशेष सहायक हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कक्षाएं होने से बच्चे स्वयं कोविड के लक्षण होने पर बता सकेंगे, जिससे उनका त्वरित इलाज शुरू हो सकेगा।





एम्स की टेक्निकल टीम ने किया दौरा, दिए सुझाव





सीसीएम में बेहतर इलाज के लिए अधोसंरचना संबंधी मुकम्मल व्यवस्था के संबंध में सुझाव देने एम्स की टेक्निकल टीम ने यहां का दौरा किया। इसके मुताबिक ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति प्रभावी बनाए रखने सहित अन्य महत्वपूर्ण बातों पर टीम ने सुझाव दिया।ौ


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