कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने कई देशों में कोहराम मचाया है। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका के तीसरी लहर की चपेट में आने की खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने जबरदस्त तरीके से नए मामलों में इजाफा किया है। इस वजह से देश के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने 2 हफ्ते तक कोरोना प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया है, ताकि बहुत संक्रामक डेल्टा वेरिएंट को फैलने से रोका जा सके। रविवार को देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका संक्रमण के नए मामलों में बेतहाशा वृद्धि को देख रहा है। अफ्रीका महाद्वीप में दक्षिण अफ्रीका कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित मुल्क है।
राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि हमारी स्वास्थ्य फैसिलिटी अपने चरम पर पहुंच गई हैं। ICU बेड्स की कमी है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका को लेवल फोर पर अलर्ट में रखा गया। ये पूरी तरह से लॉकडाउन लागू करने से एक लेवल कम है। रामाफोसा ने देश को संबोधित करते हुए कहा, तीसरी लहर जोर पकड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह के लिए सभी सार्वजनिक सभाओं पर रोक रहेगी। इस दौरान केवल अंतिम संस्कार की अनुमति होगी, लेकिन उनमें भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की।
देश में 27 लाख लोगों का हो चुका वैक्सीनेशन
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने बताया कि देश में वैक्सीनेशन की दर धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। दक्षिण अफ्रीका में रविवार तक 27 लाख लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी थी। दक्षिण अफ्रीका के 12 लाख 50 हजार स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों में से 9,50,000 से अधिक का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ और ‘फाइजर’ की वैक्सीन की सप्लाई बढ़ रही है। दक्षिण अफ्रीका का लक्ष्य फरवरी 2022 तक अपने छह करोड़ लोगों में से 67 फीसदी का वैक्सीनेशन करना है। अभी तक ये माना जा रहा है कि वायरस को काबू में करने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र हथियार है।
60 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत
दक्षिण अफ्रीका में रविवार को संक्रमण के 15,000 से अधिक नए मामले सामने आए तथा 122 और लोगों की मौत हो गई। देश में संक्रमण से अब तक करीब 60,000 लोगों की मौत हो चुकी है। देश के कई प्रांत अस्पतालों में बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं। जिम्बाब्वे, नामीबिया और मोजाम्बिक में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि देश में वायरस की तीसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेबरेसस ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट अब तक सबसे संक्रामक वेरिएंट है। उन्होंने बताया कि ये वेरिएंट 85 देशों तक पहुंच चुका है।
भारत में भी अलर्ट रहने के निर्देश
बता दें कि देशभर में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। रोजाना मिलने वाले मरीजों की संख्या में दिन-ब-दिन गिरावट देखी जा रही है। इसी बीच कोरोना के डेल्टा+ वैरिएंट ने फिर चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना का डेल्टा + वैरिएंड पूराने वायरस से कई गुणा ज्यादा खतरनाक है। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 राज्यों को चिट्ठी लिखकर डेल्टा+ वैरिएंट पर अहम निर्देश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 8 राज्यों के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर डेल्टा+ को लेकर तैयारी करने को कहा है। ये राज्य आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु हैं।