रायपुर। जिले में डेंगू नियंत्रण, रोकथाम और बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। इसके लिये विभागीय समन्वय की बैठक रेडक्रास के सभागार में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल ने की। साथ ही संभावित क्षेत्रों में डेंगू के नियंत्रण, रोकथाम और बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने, जन-जागरूकता के लिए बैनर,पोस्टर, लगाने एवं माईकिंग करने के निर्देश भी दिए हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विमल किशोर राय ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि ‘’डेंगू के नियंत्रण, रोकथाम और बचाव के लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। इसके लिए विभाग ने मितानिन ट्रेनर के सहयोग से जिले के शहरी क्षेत्र बिरगांव और नगर निगम क्षेत्र रायपुर में नियमित रूप से ‘’हर रविवार डेंगू पर वार’’ नाम से कार्यक्रम चलाने का निर्णय पूर्व में लिया गया है।
साथ ही अब 10 सप्ताह,10 बजे,10 मिनट डेंगू पर वार करने को तैयार रहना है। इसके लिये जनभागीदारी के साथ अपने आसपास एक-दो साल में जिस क्षेत्र में डेंगू के केस मिले हैं। उन स्थानों की सूची बनाई जा रही है और बरसात से पूर्व ही उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाएगा। डेंगू नियंत्रण अभियान के दौरान लोगों को घर में रखे गमले की ट्रे, कूलर, फ्रीज, पानी की टंकी को खाली कर सुखाने के पश्चात उपयोग करने के बारे में जानकारी दी जायेगी ताकि मच्छर के अंडे, लार्वा को नष्ट किया जा सके।
मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए पुराने टायर, मटके, कबाड़ आदि में बरसात का पानी एकत्र ना होने दें। घर के बाहर छोटे गड्ढों में मिट्टी का भराव करें। जिससे मच्छरों के प्रजनन को न्यून किया जा सके। पानी के फैलाव को रोकने के लिए नियमित रूप से साफ-सफाई और दवाई का छिड़काव करते रहें। साथ ही नालियों की साफ-सफाई तथा घर के आस-पास पानी के टैंकों की नियमित रूप से साफ-सफाई रखें।
डॉ. राय कहते हैं ‘’डेंगू की पहचान की किट अर्बन पीएचसी को उपलब्ध करा दी गई है । साथ ही मितानिन ट्रेनर्स को डेंगू और कोरोनावायरस के बीच अंतर को भी समझाया गया है। सैंपल कैसे कलेक्ट करना है और कैसे मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रायपुर (मेकाहारा) के बायोलॉजी लैब में भेजने के प्रबंध को भी सुनिश्चित करना भी बताया गया है। मरीज़ भूलकर भी डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवा का ना सेवन करें। यह आपके लियें हानिकारक हो सकता है”।

डॉ. राय बताते हैं “डेंगू का मच्छर गर्म क्षेत्र में ज्यादा पनपता है। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है, इसकी उड़ने की क्षमता 3-4 फिट ही होती है और इसकी पहचान सफेद और काले रंग की पट्टिया होती हैं। डेंगू मच्छर से बचाव के लिए जरूरी है कि मॉसकिटो कॉयल रात के समयमच्छर दानी का प्रयोग करें ताकि मच्छरों के कटने से होने वाले अन्य रोगों से भी बचा जा सके। फुल स्लीप के कपड़े पहने, हाथ-पैरों का कवर करें, बैड को 3 फिट ऊंचा रखें।“
डेंगू बीमारी के लक्षण तेज बुखार, उल्टी आना, शरीर पर लाल चकते पड़ना है। बुखार को कन्ट्रोल करने के लिए चिकित्सीय परामर्श लें। हर बुखार डेंगू का नही होता है, डेंगू के लक्षण होने पर समय से डॉक्टर की सलाह लें और डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।
इस अवसर पर ज़िला मलेरिया विभाग के कुमार सिंह एंटोंमोलॉजिस्ट, जिला सलाहकार एनव्हीबीडीसीपी, रेवान्नद एमटीएस, सतीश देवांगन एमएलटी उपस्थित थे।