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छत्तीसगढ़ में अब तक 99.9 मिमी औसत बारिश दर्ज, पेयजल स्त्रोतों का किया जा रहा क्लारोनीकरण


राज्य शासन के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 99.9 मिमी औसत बारिश दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से 14 जून तक रिकॉर्ड की गई बारिश के मुताबिक दुर्ग जिले में सर्वाधिक 183.9 मिमी और दंतेवाड़ा जिले में सबसे कम 34.8 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है।





राज्य स्तरीय बाढ़ कंट्रोल रूम स्थापित, सभी जिलों में बने बाढ़ कंट्रोल रूम





राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक एक जून से अब तक सरगुजा में 58.3 मिमी, सूरजपुर में 106.4 मिमी, बलरामपुर में 68.4 मिमी, जशपुर में 79.4 मिमी, कोरिया में 101.4 मिमी, रायपुर में 144.0 मिमी, बलौदाबाजार में 101.0 मिमी, गरियाबंद में 153.3 मिमी, महासमुंद में 100.4 मिमी, धमतरी में 163.2 मिमी और बिलासपुर में 91.2 मिमी, मुंगेली में 60.0 मिमी औसत बारिश रिकॉर्ड की गई।





बीजापुर में 82.3 मिमी औसत बारिश रिकॉर्ड





वहीं रायगढ़ में 76.7 मिमी, जांजगीर-चांपा में 72.1 मिमी, कोरबा में 82.7 मिमी, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 128.1 मिमी, कवर्धा में 57.2 मिमी, राजनांदगांव में 69.7 मिमी, बालोद में 114.9 मिमी, बेमेतरा में 147.4 मिमी, बस्तर 93.4 मिमी, कोंडागांव में 117.6 मिमी, कांकेर में 128.0 मिमी, नारायणपुर में 96.2 मिमी, सुकमा में 86.0 मिमी और बीजापुर में 82.3 मिमी औसत बारिश रिकॉर्ड की गई।





पेयजल स्त्रोतों का किया जा रहा क्लारोनीकरण





मानसून के दौरान पानी से होने वाली बीमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती है और लोग दूषित जल के सेवन से उल्टी, दस्त और अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। जरूरी है कि बरसात के दिनों में के साफ और पीने योग्य पानी का ही सेवन किया जाए। नमी के कारण बारिश के मौसम में बीमारियों के फैलने की अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न होती है और थोड़ी भी लापरवाही से लोग बीमार हो सकते हैं।





बारिश की वजह से गिरी मकान की दीवार, 2 की मौत, एक घायल





बारिश के दिनों में परिवेश की साफ-सफाई के साथ ही शुद्ध पेयजल, ताजे व गर्म भोजन का सेवन करना चाहिए। कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने जिले में भौगोलिक रूप से दूर-दराज के बसाहटों को विशेष ध्यान रखते हुए पेयजल स्त्रोतों का क्लोरोनीकरण करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने सभी SDM और जनपद CEO से ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल के उपयोग के लिए लोगों को जागरूक करने और पर्याप्त मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरिन उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मितानिन के पास जलजनित बीमारियों के लिए जरूरी और प्राथमिक इलाज की दवाइयां उपलब्ध करा दी जाए।





क्लोरोनीकरण का कार्य





जिले के सभी विकासखंडों में मौसमी बीमारियों को ध्यान में रखते हुए पेयजल स्त्रोतों का क्लोरोनीकरण का कार्य किया जा रहा है। कुआं, हैण्डपम्पों पेयजल स्त्रोतों का उपचार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है। सभी अनुभाग के SDM भी पेयजल शुद्धता के कार्यों का स्वयं निरीक्षण कर रहे हैं, ताकि जलजनित बीमारियों का फैलाव न हो।





नारायणपुर कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए निर्देश





कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने SDM, नगर पालिका अधिकारी और तहसीलदार को आगामी भारी बारिश की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन की तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संबंधित सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को अलर्ट रहने को कहा है। दुर्घटना से बचने के लिए स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर पुलों और रपटों के ऊपर पानी बहने की स्थिति में आवागमन रोकने, गौठानों में गोबर और वर्मी को सुरक्षित रखने और धान खरीदी केंद्रों में धान को कैप कव्हर से ढकने और समुचित ड्रेनेज के जरिए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बरसात के दौरान जल जनित रोगों से बचाव के लिए जागरूक रहने और खासकर पानी के स्रोतों जैसे हैंड पंप के पास पानी जमा नहीं होने पाए। साथ ही उन्होंने अन्य सावधानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे बारिश के दिनों में सावधानी रखें।


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