देश में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों से रोजाना मरीजों की पहचान हो रही है। इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के 28 राज्यों में ब्लैक फंगस के कुल 28,252 मामले सामने आए हैं। इनमें से 86 प्रतिशत, यानी 24,370 मामलों में कोविड-19 के संक्रमण का इतिहास रहा है और 62.3 प्रतिशत, यानी 17,601 केसों में मधुमेह का इतिहास रहा है।
छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, प्रदेश सरकार ने जारी की गाइडलाइन
महाराष्ट्र में म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) के सबसे ज्यादा 6,339 मामले सामने आए हैं। इसके बाद गुजरात में 5,486 मामले सामने आए हैं। 7 जून को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से COVID-19 पर उच्च स्तरीय मंत्रियों के समूह (GoM) की 28 वीं बैठक हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे शामिल हुए। जिसमें ब्लैक फंगस के बारे में जानकारी दी गई।
वहीं छत्तीसगढ़ में भी ब्लैक फंगस का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में आए दिन नए मरीजों की पुष्टि हो रही है। वहीं इससे मरने वालों के आंकड़ों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। छत्तीसगढ़ में अब तक ब्लैक फंगस के 259 नए मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं इस फंगस से 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
दुर्ग में सबसे ज्यादा केस
सबसे ज्यादा मामला दुर्ग से आया है। दुर्ग में अब तक 67 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। तो राजधानी रायपुर में 48 मामले सामने आए है। बिलासपुर में 33,रायगढ़ में 21 मरीज, राजनांदगांव में 16 और जांजगीर-चांपा में 14 मरीजों की अब तक पुष्टि हो चुकी है। बता दें कि प्रदेश में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का मामला लगातार आए दिन सामने आ रहे है और इससे मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
नोटिफिएबल डिसीज घोषित
छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस को नोटिफिएबल डिसीज घोषित कर दिया है। ब्लैक फंगस को नोटिफिएबल डिसीज यानी महामारी की सूची में शामिल कर दिया गया है। अब ब्लैक फंगस से जुड़े मामलों की जानकारी सरकारी स्तर पर जुटाई जाएगी, फिर उसका विश्लेषण कर नीतियां तय की जाएंगी, ताकि वक्त रहते जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके।
क्या है ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाइयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। अगर व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में शरीर के अंदर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे, जिससे गंभीर बीमारी हो सकती है। अगर इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।
ब्लैक फंगस के लक्षण
बीमारी कोविड-19 मरीजों में जो डायबीटिक मरीज हैं या अनियंत्रित डायबीटिज वाले व्यक्ति को, स्टेरोईड दवाइयां ले रहे व्यक्ति को या ICU में ज्यादा समय तक भर्ती रहने से यह बीमारी हो सकती है। बीमारी के लक्षणों में आंख, नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना ब्लैक फंगस का लक्षण है।