सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार के मार्गदर्शन में जिले में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के चतुर्थ चरण का संचालन किया जाएगा। यह अभियान आगामी 15 जून 2021 से 31 जुलाई 2021 तक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित किया जाएगा। जिले में संचालित होने वाले चतुर्थ मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए 700 सर्वे दल का गठन किया गया है, प्रत्येक दल में दो सदस्य होंगे, जिसमें प्रथम सदस्य के रूप मे एक पुरूष कार्यकर्ता और महिला स्वास्थ्यकर्ता वहीं दूसरी सदस्य के रूप में गांव अथवा पारा की मीतानीन या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होगी।
तेज बुखार के साथ सिर, आंख और शरीर में दर्द हो सकते हैं डेंगू के लक्षण
डोर टू डोर सर्वे के दौरान यह दल घर के सभी सदस्यों का मलेरिया जांच करेंगे। मलेरिया धनात्मक पाये गए रोगी को दवा की प्रथम खुराक का सेवन और इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। रक्त जांच के साथ-साथ रजिस्टर मे जानकारी का संधारण, आरडी टेस्ट में कोड नंबर अंकित करना, नेल मार्किंग कार्य दल द्वारा किया जाएगा। इस दौरान कोविड-19 के सभी निर्देशों का पालन किया जाएगा।
6 सदस्यीय 15 दल का गठन
चतुर्थ मलेरिया मुक्त अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र के 2 लाख 57 हजार 467 व्यक्तियों का मलेरिया जांच करने का लक्ष्य निर्धारित है। बता दें कि जिले में तीन अभियानों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया है और उसका प्रतिसाद है कि जिले में मलेरिया मरीजों की संख्या में कमी आई है। इसके साथ ही आगामी बारिश को देखते हुए मच्छरों के फैलाव को रोकने के लिए 16 जून से ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों में कीटनाशक दवा का छिड़काव कार्यक्रम का संचालन भी किया जाएगा। इसके लिए 6 सदस्यीय 15 दल का गठन किया गया है।
कब पनपते हैं डेंगू के मच्छर?
डेंगू के मच्छर अधिकतर जुलाई से अक्टूबर के बीच ही पनपते हैं। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। एडीज मच्छर गर्म से गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है। मानसून के समय पानी इकठ्ठा होने से डेंगू के मच्छर पनपने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए गर्मियों की शुरुआत के साथ ही और लोगों के घरों में कूलर लगने के बाद ही बारिश में स्वास्थ्य विभाग घरों में कूलर में पानी जमा होने की चेकिंग शुरू कर देते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की यह बीमारी अभी भी उतनी ही घातक है और इसे लेकर पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।
डेंगू का मच्छर आम मच्छर से होता है अलग
डेंगू के मच्छर का नाम एडीज बताया गया है। इस मच्छर के काटने से डेंगू की बीमारी होती है। यह आम मच्छरों से अलग होता है। बता दें कि यह मच्छर अधिकतर रोशनी में काटते हैं। कई रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि यह मच्छर सुबह के वक्त काटते हैं। सुबह और दिन के वक्त या जब रोशनी हो तो इसका अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। एडीज ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम नहीं होता और यही कारण है की यह अधिकतर घुटनो के नीचे काटता है। यह एक भ्रम है की डेंगू के मच्छर सिर्फ गंदे पानी में पनपते हैं। साफ-सुथरे इलाकों में और साफ-सुथरे पानी में यह मच्छर पनपते हैं तो सभी को इसका ध्यान रखने की जरूरत है।
डेंगू बुखार के लक्षण
मादा एडीज यानी अगर डेंगू मच्छर अगर काटे तो इसके कुछ दिनों बाद लक्षण दिखने शुरू होते हैं । ठंड के साथ तेज बुखार, सिर, आंखों, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल चकत्ते इसके लक्षण है ।