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खुलासा: एक माह में 14GB के बाद बेकार हो जाता है डाटा, जानिए क्यों और कैसे


स्मार्टफोन यूजर्स को लुभाने के लिए देशभर की टेलीकॉम कंपनियां इन दिनों अपने ग्राहकों को रिझाने के लिए तमाम तरह के ऑफर लेकर आ रहे हैं। सभी कंपनियां आपको डेटा, अनलिमिटेड कॉलिंग और SMS की सुविधा दे रही हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि एक यूजर महीने में कितना डाटा खर्च करता है। एरिक्सन मोबिलिटी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में आमतौर पर यूजर आधे से भी कम डाटा प्रति दिन खर्च कर पाते हैं। लिहाजा महीने में वे मुश्किल से 14GB डाटा ही यूज कर पाते हैं, इसके बाद का पैक बेकार हो जाता है।





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रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मोबाइल ऑपरेटर्स यूजर्स को 28 दिनों के लिए रोजाना 2GB से 3GB डाटा की पेशकश करते हैं। ऐसे में अगर पूरी वैधता के दौरान देखा जाए तो यह डाटा 56GB से 84GB तक होता है, लेकिन ज्यादातर यूजर्स दैनिक आधार पर पूरा डाटा खत्म नहीं कर पाते हैं। स्मार्टफोन यूजर का औसत ट्रैफिक 2020 में 14.6GB प्रति माह दर्ज किया गया है। ये साल 2019 के मुकाबले ज्यादा है। उस दौरान यूजर्स प्रति माह 13GB डाटा ही इस्तेमाल कर पाए थे।





5G आने पर बढ़ सकता है डाटा का इस्तेमाल





एरिक्सन ने अनुमान लगाया है कि साल 2026 के आखिरी तक 5G नेटवर्क के आते ही भारत में डाटा यूजर्स की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही रोजाना डाटा खर्च करने के आंकड़ों में भी बढ़ोत्तरी होगी। उस दौरान 40GB तक इस्तेमाल बढ़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि 'भारत में प्रति स्मार्टफोन औसत ट्रैफिक विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है। यह 2026 में प्रति माह लगभग 40GB तक बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।'





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2026 के आखिरी तक 5G नेटवर्क भारत में लगभग 26 फीसद मोबाइल सब्सक्रिप्शन को कवर करेगा। इसका अनुमान लगभग 330 मिलियन सब्सक्रिप्शन हैं। 2026 में 66 फीसद मोबाइल सब्सक्रिप्शन को कवर करते हुए 4G मार्केट में अपनी जगह बनाए रखेगा इस समय माना जा रहा है कि 3G को खत्म कर दिया जाएगा।


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