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बार्ज P305 जहाज डूबने से अब तक 66 लोगों की मौत, 196 कर्मचारियों का रेस्कयू


17 मई को ताऊते तूफान के कारण ‘बार्ज P305’ जहाज अरब सागर में डूब गया था। इस घटना में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 66 हो गई है। वहीं 9 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जिन्हें खोजने का अभियान जारी है। हालांकि अब तक नौसेना द्वारा 196 लोगों को बचाया जा चुका है। बता दें कि मुंबई के समुद्री तट से लगभग 65 किलोमीटर दूर (35 नॉटिकल माइल) पर ONGC के लिए काम कर रहे AFCONS के कर्मचारियों को रहने के लिए तैनात बार्ज P-305 चक्रवाती तूफान ताउते की चपेट में आ गया था।





सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता, कई वारदातों में शामिल 8 नक्सली गिरफ्तार





इस घटना को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. शिवसेना ने शनिवार को तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) को इस सप्ताह के शुरू में चक्रवात ताउते के बीच मुंबई तट पर बार्ज के डूबने से कई कर्मियों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया और पूछा कि क्या पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान त्रासदी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देंगे। अपने मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में पार्टी ने कहा कि मौतें प्राकृतिक आपदा के कारण नहीं हुईं बल्कि यह गैर इरादतन हत्या का मामला है क्योंकि ओएनजीसी ने चक्रवात की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। संपादकीय में कहा गया, 'चक्रवात की चेतावनी पहले ही दे दी गई थी, लेकिन ONGC ने इसे नजरअंदाज कर दिया और बार्ज पर मौजूद 700 कर्मियों को वापस नहीं बुलाया।'





संपादकीय में दी गई ये जानकारी





संपादकीय में कहा गया, 'अगर भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने खोज और बचाव अभियान शुरू नहीं किया होता तो सभी 700 लोग समुद्र में डूब जाते। ये कर्मचारी भले ही किसी निजी कंपनी के कर्मचारी हों, लेकिन ये ओएनजीसी के लिए काम कर रहे थे। इसलिए, उनकी रक्षा करना ओएनजीसी प्रशासन का कर्तव्य था।'





सबसे विनाशकारी चक्रवात





आईएमडी ने ताऊते चक्रवात को गुजरात में बीते 23 साल में टकराने वाला सबसे विनाशकारी चक्रवात कहा था, जोकि केंद्र शासित दीव और भावनगर जिले के महुवा शहर के बीच कहीं टकराया था। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने चक्रवात के टकराने की पुष्टि की थी।





साल 1998 के चक्रवात में हुई थी 1 हजार से ज्यादा मौतें





बता दें कि 9 जून, 1998 को गुजरात में आए एक बड़े चक्रवात से व्यापक क्षति हुई थी और बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई थीं, विशेष रूप से कांडला के बंदरगाह शहर में। वहीं आधिकारिक आंकड़ों ने तब मरने वालों की संख्या 1,173 बताई थी, जबकि 1,774 लापता हो गए थे। एक प्रमुख समाचार पत्रिका ने तब दावा किया था कि इसमें कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे और अनगिनत लापता हो गए थे क्योंकि शव समुद्र में बह गए थे।


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