छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बीच म्यूकस माइकोसिस बीमारी (Mucus Mycosis disease ) की भी एंट्री हो गई है। वहीं छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से एक युवक की मौत भी हो गई है। ब्लैक फंगस का मामला सामने आने के बाद इस पहली मौत की खबर ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता अब और बढ़ा दी है। भिलाई के सेक्टर 9 अस्पताल में भर्ती युवक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले युवक कोरोना से संक्रमित हुआ था। वहीं इलाज के बाद ब्लैक फंगस से संक्रमित हो गया। मौत की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। इसके बाद अब दुर्ग CMHO ने सभी निजी अस्पतालों को अलर्ट किया है। वहीं ब्लैक फंगस बीमारी को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों में फंगस के इलाज के लिए सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
क्या है ब्लैक फंगस
म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) इंफेक्शन एक गंभीर बीमारी है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलती है जिसे आम बोलचाल की भाषा में ब्लैक फंगस (Black fungus) कहा जाता है। ब्लैक फंगस मरीज के दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी अटैक कर सकता है। इस बीमारी में कई मरीजों के आंखों की रोशनी जा चुकी है। वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी के गलने की भी शिकायतें हैं। इसके अतिरिक्त भी तमाम दूसरी परेशानियां हैं। अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया गया तो इससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
ब्लैक फंगस के लक्षण
शरीर के किस हिस्से में इंफेक्शन है उस पर इस बीमारी के लक्षण निर्भर करते हैं। चेहरे का एक तरफ से सूज जाना, सिरदर्द होना, नाक बंद होना, उल्टी आना, बुखार आना, चेस्ट पेन होना, साइनस कंजेशन, मुंह के ऊपर हिस्से या नाक में काले घाव होना जो बहुत ही तेजी से गंभीर हो जाते हैं। कुछ मरीजों को आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना, पेट दर्द, उल्टी या मिचली भी महसूस होती है। हालांकि, सलाहकारों के अनुसार, हर बार नाक ब्लॉक होने की वजह ब्लैक फंगस हो ये भी जरूरी नहीं है। इसलिए जांच कराने में संकोच न करें।