रायपुर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि इस संप्रेक्षण गृह में कुल 73 अपचारी बच्चे निवासरत है, जिनका सुरक्षागत कारणों से 29 अप्रैल 2021 को रैपिड एंटीजन और RT-PCR टेस्ट कराया गया था, इसके अलावा वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का भी टेस्ट कराया गया था।
45 बच्चे सहित 5 स्टाफ पॉजिटिव
रिपोर्ट के मुताबिक 45 बच्चे सहित 5 स्टाफ की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके बाद तत्काल सभी संक्रमित बच्चों को सामान्य बच्चों से अलग करते हुए संस्था के अंदर ही आइसोलेशन सेंटर बनाकर उनके तत्काल इलाज की कार्रवाई शुरू की गई।
कलेक्टर ने दी जानकारी
जिला कलेक्टर एस. भारतीदासन के निर्देशानुसार तत्काल इस संप्रेक्षण गृह को कोविड सेंटर के रूप में विकसित कराते हुए शासन द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित कराया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से यहां तत्काल 01 डॉक्टर और 06 नर्स की ड्यूटी लगाते हुए नगर पंचायत माना के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के माध्यम से सभी बच्चों और स्टॉफ के लिए दवाईयां उपलब्ध कराई गई। वर्तमान में सभी बच्चे कोरोना बीमारी से निजाद पाकर सामान्य हो चुके हैं।
अलग से बनाया गया आइसोलेशन सेंटर
मुख्य नगर पालिक अधिकारी, माना के द्वारा प्रत्येक दिन संस्था का सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है और संस्था के माध्यम से बच्चों के लिए फल, दूध की व्यवस्था की गई है। संस्था में नवीन प्रवेशित अपचारी बालकों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है और ऐसे बच्चों के लिए संस्था में अलग से आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है।
कोविड प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य
बाहरी व्यक्तियों और परिजन के बच्चों से मिलने के लिए कोविड प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य रूप से आवश्यकता आधारित सुनिश्चित कराया गया है। वहीं बाकी बचे बच्चों को फोन के माध्यम से परिवार से संपर्क और बातचीत कराया जा रहा है।