देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसी बीच फंगस के अलग-अलग प्रकार भी सामने आ रहे है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक व्यक्ति में एक साथ ब्लैक, व्हाइट और यलो फंगस के संक्रमण मिले थे। जिसने शनिवार को दम तोड़ दिया है। ये देश का इकलौता केस था, जिसमें एक ही मरीज में एक साथ तीनों फंगस पाए गए थे।
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परिजन ने कहा कि वह एक हफ्ते से एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के लिए भटक रहे थे, लेकिन नहीं मिला। अगर मिल जाता तो जान बच सकती थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मरीज की मौत हार्ट अटैक से हुई है। संजयनगर के जी-ब्लॉक में रहने वाले कुंवर पाल की उम्र 61 साल थी। अप्रैल महीने की शुरुआत से ही उनके फेफड़ों में दिक्कत शुरू हो गई थी। ऑक्सीजन लेवल भी काफी कम होने लगा था।
मृतक के बेटे ने दी जानकारी
इलाज के बाद वह ठीक हो गए थे, लेकिन बाद में उनकी नाक से अचानक खून निकलने लगा और आंखों में सूजन बढ़ गई। डॉक्टर्स ने जांच की तो पता चला कि उनमें ब्लैक फंगस के लक्षण हैं। डॉक्टर बीपी त्यागी ने जांच की तो पता चला कि कुंवर पाल में ब्लैक के साथ व्हाइट और यलो फंगस भी है। कुंवर पाल के बेटे के मुताबिक डॉक्टर्स ने फंगस के लक्षण मिलते ही एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लाने को कहा। पहले दिन तो इंजेक्शन आराम से मिल गया, लेकिन इसके बाद नहीं मिल पाया। लगातार वह इसके लिए प्रशासनिक अफसरों के यहां चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बीच, उनके पिता की हालत लगातार खराब होते रही और शनिवार को उनकी मौत हो गई।
किन लोगों को है खतरा
कोविड-19 मरीजों को हो रहे कई तरह के फंगल इंफेक्शन के पीछे स्टेरॉयड्स और कमज़ोर इम्यूनिटी को कारण माना जा रहा है। साथ ही इसके पीछे ऑक्सीजन की आपूर्ति को हाइड्रेट करने के लिए साफ पानी इस्तेमाल न किया जाना भी एक कारण बताया जा रहा है। कोविड-19 के उपचार में स्टेरॉयड का ज्यादा उपयोग ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के पीछे प्रमुख कारणों में से एक है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स को स्टेरॉयड के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल के प्रति चेताया गया है।