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ऑक्सीजन की कमी से मेडिकल कॉलेज में फिर 26 लोगों की मौत


देश में कोरोना का कहर लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है। वहीं इस विकट परिस्थिति ने देश की व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी है। कहीं अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे तो कहीं ऑक्सीजन खत्म हो जा रही है, जिसके कारण मरीजों की जान जा रही है।





26 मरीजों की मौत





ताजा मामला गोवा मेडिकल कॉलेज का है, जहां ऑक्सीजन की कमी से 26 मरीजों की मौत हो गई है। यह मौतें मंगलवार सुबह 2 से 6 बजे के बीच हुईं। घटना के बाद गोवा के CM प्रमोद सावंत ने मंगलवार सुबह कोविड वार्ड का दौरा किया। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट से गोवा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे की जांच करने का आग्रह किया है।





गोवा CM प्रमोद सावंत ने दी जानकारी





गोवा सरकार ने कहा है कि ट्रक चलाने वाले एक्सपर्ट ड्राइवरों की कमी से गोवा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की किल्लत पैदा हो गई, जिसके चलते 26 लोगों की मौत हो गई। साथ ही राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट से गोवा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे की जांच करने और स्वास्थ्य सुविधा पर कोविड प्रबंधन प्रणाली को संभालने का आग्रह किया है।





इस कारण नहीं मिल रहा ऑक्सीजन





गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने मंगलवार को कोविड वार्ड में 26 मरीजों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा, 'मैं हाईकोर्ट से यह जांचने का अनुरोध करता हूं कि क्या कुप्रबंधन या ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुईं।' राणे ने कहा, 'हमें 1,200 (जंबो) सिलेंडर चाहिए, लेकिन कल हमें केवल 400 मिले।'





CM सावंत ने किया अस्पताल का दौरा





वहीं CM सावंत ने मंगलवार सुबह कोविड वार्ड का दौरा किया, जिसमें 24 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। सावंत कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजन और रिश्तेदारों से भी मिले, जिन्होंने रात में ऑक्सीजन की आपूर्ति में गिरावट की शिकायत की। GMC अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद सावंत ने कहा कि विशेषज्ञ ड्राइवरों की कमी से स्वास्थ्य सुविधा में अनियमित ऑक्सीजन का प्रवाह हुआ है।





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CM सावंत ने कहा कि एक बार ऑक्सीजन सिलेंडर यहां पहुंचने के बाद, वे (वार्ड) नहीं पहुंचते हैं। यह एक प्राथमिकता का मुद्दा था। उन्होंने आगे कहा, 4 विशेषज्ञ ड्राइवर और ट्रैक्टर बुधवार को लाए जाएंगे। सावंत ने यह भी कहा कि हर रोज 400 अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर पहले ही जीएमसी को मुहैया कराए गए और कहा जाएगा कि संकट से निपटने के लिए आठ से दस दिनों के भीतर एक 20 टन ऑक्सीजन टैंक भी उपलब्ध कराया जाएगा।





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CM ने यह भी कहा कि अस्पताल के मुख्य ऑक्सीजन प्रोवाइडर, स्कूप इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, को शीर्ष सरकारी स्वास्थ्य सुविधा पर आपूर्ति संकट से निपटने में सक्षम नहीं होने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और चेतावनी दी कि सरकार ऑक्सीजन विनिर्माण इकाई को लेने में संकोच नहीं करेगी।





कोरोना की दूसरी लहर है बहुत खतरनाक





बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही खतरनाक साबित हो रही है। इस कोरोना के चलते रोजाना हजारों लोग अपनी जान गवा रहे हैं। वहीं हालत ऐसी हो गई है कि श्मशान में भी जगह नहीं मिल रही है। चिता जलाने के लिए लकड़ियों की कमी होने लगी है। कई नए श्मशान घाट बनाए जा रहे हैं तो वहीं लगातार मौतों की बढ़ती संख्या को देखकर कई श्मशान घाटों में लकड़ी की कीमतों में वृद्धि कर दी गई है।


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