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आज से गाड़ियों के लिए अनिवार्य होगा FASTag, नहीं किया पालन तो लगेगा डबल टैक्स, पढ़िए कहां और कैसे लगवाएं अपनी व्हीकल पर


आज से देशभर में फास्टैग अनिवार्य रूप से लागू हो गया है. परिवहन मंत्रालय के आदेशानुसार मोटरबाईक को छोड़कर सभी वाहनों में आज से से फास्टैग लगाना आवश्यक होगा. 15 फरवरी की आधी रात से फास्टैग लगे वाहनों को टोल प्लाजा पर दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना देना होगा. फास्टैग (FASTag) लगे वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी।





फास्टैग की मदद से कलेक्ट होंगे टोल टैक्स





दरअसल, 15 फरवरी से सभी वाहनों के लिए फास्टैग (FASTag) जरूरी कर दिया गया है. अब सरकार की तैयारी है कि 15 फरवरी से 100 फीसदी टोल फास्टैग की मदद से ही कलेक्ट किया जा सके. फिलहाल नेशनल हाईवे से जितने भी टोल टैक्स आते हैं, उनमें 80 फीसदी टोल फास्टैग की मदद से आते हैं.





जानिए क्या हैं ये फास्टैग?





फास्टैग (What is FASTag) एक स्टीकर होता है जो वाहनों के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. टोल पर क्रॉसिंग के दौरान डिवाइस रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी की मदद से टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर से कनेक्ट होता है और फिर फास्टैग से जुड़े अकाउंट से पैसे कट जाते हैं. जिससे टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती है.





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कहां से ले सकते है फास्टैग?





NHAI टोल या फिर तमाम बैंकों से आप फास्टैग स्टिकर खरीद सकते हैं. इसके अलावा यह पेटीएम, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं. इसे आप यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से भी रिचार्ज कर सकते हैं. अगर फास्टैग बैंक खाते से लिंक होता है, तो पैसे खाते से ऑटोमैटिक कट जाते हैं





किन डॉक्युमेंट्स की होगी जरूरत (Documents For FASTag)





ड्राइवर के लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करके फास्टैग खरीदा जा सकता है. बैंक केवाईसी के लिए यूजर्स के पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी भी मांगते हैं. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने फास्टैग की कीमत 100 रुपये तय की है. इसके अलावा 200 रुपये की सिक्युरिटी डिपॉजिट देनी पड़ती है





फास्टैग गुम, फट या डैमेज जाने पर क्या करें (What to do if lost FastTag)





सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक एक वाहन के लिए केवल एक फास्टैग मिलता है. अगर फास्टैग डैमेज हो जाए तो आप आसानी से उसे बदल सकते हैं. क्योंकि एक गाड़ी के लिए केवल एक फास्टैग नंबर जारी होता है, जिसमें व्हीकल का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), टैग आईडी समेत दूसरे डिटेल्स भरने होते हैं. ऐसे में केवल पुरानी डिटेल देकर फिर से फास्टैग को इश्यू करवाया जा सकता है.





फास्टैग (FasTag) प्रणाली साल 2011 में लागू की गई थी और 2018 तक 34 लाख से ज्यादा वाहन फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे थे. साल 2017 के बाद खरीदे जाने वाले सभी वाहनों के लिए फास्टैग को जरूरी कर दिया था. फास्टैग पूरी तरह से लागू होने के बाद कैश पेमेंट से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा, साथ ही ईंधन और समय की बचत भी होगी।


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