रायपुर. वन अधिकारों की मान्यता (Recognition Of Forest Rights) के लिए नए प्रकरणों की स्वीकृति के साथ ही निरस्त किए गए दावों का पुनर्विचार किया जाएगा। इस तरह के मामलों की संबंधित जिले के सहायक आयुक्त जांच करने के बाद निरस्त किए गए दावों की संबंधित को व्यक्तिगत रूप से दे। वहीं निरस्त किए जाने का कारण भी बताएं। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बुधवार को मंत्रालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा की।
इस दौरान कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत अजजा और अन्य परंपरागत वन निवासियों को उनका हक मिले। उनके निरस्त किए गए दावों की समीक्षा फरवरी माह तक पूरा कर लिया जाए।
उन्होंने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में विशेष तौर पर वन अधिकार (Recognition Of Forest Rights) पत्र दिए जाने हैं। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में सर्वे का काम चल रहा है। खसरा-नक्शा बनाकर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।