रायपुर। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के निलंबित जनसंपर्क अधिकारी राजेश नायर (PRO Rajesh Nair) की जमानत याचिका को अष्टम सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार वर्मा ने गुरुवार को खारिज कर दिया है। यह आवेदन राजेश की ओर से उसकी पत्नी ने दिया था, जिसमें षडय़ंत्र के तहत झूठे मामले में फंसाने का हवाला देते हुए जमानत दिए जाने पर जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया गया था। लोक अभियोजक मनोज कुमार वर्मा ने मामले को गंभीर बताते हुए आरोपी को जमानत देने पर जांच प्रभावित होने की आशंका जताई।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आवेदन को खारिज कर दिया। बता दें कि राजेश नायर (PRO Rajesh Nair) के खिलाफ गृह निर्माण मंडल के ही संपदा अधिकारी मोहम्मद सिराजुद्दीन ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें 10 लाख रुपए अवैध रुप से मांगने और नहीं देने पर मारपीट करने और धमकी देने का आरोप लगाया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहनिर्माण मंडल ने नायर को निलंबित कर दिया था। वहीं पुलिस ने आरोपी राजेश नायर को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा था। तब निलंबित पीआरओ ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जिसे 6 फरवरी को सीजीएम भूपेंद्र वासनीकर ने खारिज कर दिया था।