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तेंदुआ शिकार मामले में दो ग्रामीण गिरफ्तार, वन विभाग की टीम ने दो दिनों में सुलझाया केस


कवर्धा जिले के सहसपुर लोहारा वन परिक्षेत्र भठेला टोला के जंगल में मृत अवस्था में मिले तेंदुआ प्रकरण को महज दो दिनों में ही सुलझाने में कवर्धा वनमण्डल की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। इस पूरे प्रकरण में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार (Two villagers arrested in leopard hunting case) किया गया है।









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वनमण्डलाधिकारी दिलराज प्रभाकर ने तेंदुआ शिकार प्रकरण के खुलासे में वन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की सिलसिलेवार विस्तार से जानकारी दी। DFO प्रभाकर ने बताया कि मादा तेंदुआ के शिकार के संबंध में मुख्य अपराधी और उनके बताऐ साक्ष्य के आधार पर अन्य अपराधी से संबंधित जांच वन विभाग की टीम द्वारा की गई।





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तेंदुआ जो शेड्यूल 1, वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में आता है, के अवैध शिकार में संलिप्त होने के कारण मुख्य आरोपी हरिचंद और सह आरोपी भुखलु बैगा को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।





दोनों आरोपियों को न्यायलय में किया गया पेश





गिरफ्तार आरोपियों को माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कवर्धा के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उनको जेल भेज दिया गया। इस पूरे प्रकरण में नरसिंगराव मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी), शालिनी रैना मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वन वृत्त दुर्ग, राजेश पांडे मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी का सतत निर्देश और मार्गदर्शन कवर्धा वन मंडल की टीम को प्राप्त होता रहा।





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मादा तेंदुआ के अवैध शिकार के अपराध का खुलासा करने और आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत करने में सिदार उपवन मंडल अधिकारी सहसपुर लोहारा, देवेंद्र गौड़ परिक्षेत्र अधिकारी भोरमदेव, वन विभाग का उप वन मंडल सहसपुर लोहारा, कवर्धा और भोरमदेव अभ्यारण का वन अमला और पुलिस अधीक्षक जिला कबीरधाम के मार्गदर्शन में उपलब्ध कराए गए पुलिस बल का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साथ ही अचानकमार टाइगर रिजर्व बिलासपुर से आए स्निफर डॉग स्क्वायड की टीम की अपराधियों तक पहुंचने में विशिष्ट भूमिका रही।









15 फरवरी को मृत अवस्था में मिली थी मादा तेंदुआ





सोमवार 15 फरवरी को सहसपुर लोहारा परिक्षेत्र के भठेला टोला परिसर के कक्ष क्रमांक 305 में एक तेंदुआ मृतक अवस्था में वन विभाग कवर्धा वन मंडल की टीम को मिला था। वन मंडल अधिकारी, उप वन मंडल अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी, संबंधित वन अमला और पशु चिकित्सक तत्काल मौका स्थल पर रवाना हुए थे। मौका पर पाया गया कि मादा तेंदुआ, जिसकी उम्र लगभग 2 से 3 वर्ष रही होगी, जी आई तार के करंट की चपेट में आने से मर गयी थी।





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घटना की सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को वन मंडल अधिकारी द्वारा दी गई थी। अचानकमार टाइगर रिजर्व से स्निफर डॉग स्क्वायड को भेजने के लिए संपर्क किया गया। पीओआर -16031/15 अज्ञात अपराधी के नाम से जारी किया गया। अपराधियों की खोज के लिए रात्रि गश्त तथा मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।





तेंदुआ प्रकरण के खुलासे में स्निफर डॉग स्क्वायड की मदद मिली





दूसरे दिन 16 फरवरी को मुखबिरी तंत्र की सूचना के आधार पर और स्निफर डॉग स्क्वायड की मदद से, वन विभाग तथा पुलिस विभाग की टीम बनाकर सर्च वारंट जारी कर अपराधी के घर छापा मारा गया। छापा में वन्यप्राणी अपराध में उपयोग हुई सामग्री प्राप्त हुई। अपराधी से पूछताछ की गयी। वहीं दूसरी तरफ पशु चिकित्सक- विशेषज्ञों की टीम के द्वारा मृतक मादा तेंदुआ के पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई। साथ ही एस.ओ.पी. का पालन करते हुए दाह संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम और दाह संस्कार के समय शालिनी रैना, मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग वन वृत्त, दुर्ग मौका पर उपस्थित रहीं। मृतक मादा तेंदुआ का सैंपल कलेक्शन फॉरेंसिक लैबोरेट्री में पुष्टि के लिए भेजने के लिए किया गया।


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