देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Rising petrol and diesel prices), गुड्स और सर्विस टैक्स, ई-बिल को लेकर व्यापारिक संस्था द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की तरफ से आज 'भारत बंद' का ऐलान किया गया है। इसके तहत देशभर के 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले करीब 40 हजार ट्रेड एसोसिएशंस ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की तरफ से किए जाने वाले ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है।
PCC चीफ ने दिया समर्थन
यह बंद वस्तु और सेवा कर (GST) के प्रावधानों में समीक्षा की मांग को लेकर किया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भी इस बंद का समर्थन किया है। PCC चीफ मोहन मरकाम ने सभी जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटीयों को व्यापारियों के बंद के आह्वान को समर्थन देने के निर्देश जारी किए हैं।
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ई-वे बिल को खत्म करने को लेकर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने भी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से किए जाने वाले भारत बंद का समर्थन किया है। एक बयान में कैट ने कहा है कि देश भर में सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियां शुक्रवार को बंद रहेंगी। इसके अलावा उसने कहा कि लघु उद्योग, हॉकर्स, महिला उद्यमी, स्वयं उद्यमियों एवं व्यापार से जुड़े अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठन भी व्यापार बंद को अपना समर्थन देंगे।
1500 छोटे-बड़े संगठन देंगे धरना
बयान में कहा गया है कि सभी राज्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स अधिवक्ता के संगठन भी बंद को समर्थन देंगे। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सहित देश भर में सभी राज्यों के लगभग 1500 छोटे-बड़े संगठन शुक्रवार को धरना देंगे।
व्यापारियों में बड़ा गुस्सा
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि 22 दिसंबर और उसके बाद जीएसटी नियमों में एकतरफा अनेक संशोधन किये गए जिनको लेकर देश भर के व्यापारियों में बड़ा गुस्सा है। इन संशोधनों द्वारा कर अधिकारियों को असीमित अधिकार दिए गए हैं, जिनमें विशेष तौर पर अब कोई भी अधिकारी अपने विवेक के अनुसार कोई भी कारण से किसी भी व्यापारी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर ससपेंड कर सकता है।
नीतियों का उल्लंघन
उन्होंने कहा की इस प्रकार के नियमों से न केवल भ्रष्टाचार बढ़ेगा बल्कि अधिकारी किसी भी व्यापारी को प्रताड़ित कर सकेंगे। भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि इसी प्रकार जिस तरह से विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां अपने मनमाने तरीके से ई-कॉमर्स के कानून एवं नीतियों का उल्लंघन कर रही है। उसको रोकने के लिए सरकार को शीघ्र ही एफडीआई पालिसी में नया प्रेस नोट जारी करना चाहिए और कानून का उल्लंघन करने वाली ई कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
बंद का समर्थन
कैट ने कहा कि एक करोड़ ट्रांसपोर्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने बंद का समर्थन किया है। हॉकरों के राष्ट्रीय संगठन हॉकर्स संयुक्त कार्रवाई समिति ने भी बंद का समर्थन किया है। हालांकि, अन्य व्यापारी संगठनों मसलन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल और भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने कहा कि वे बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
कैट के महासचिव ने दी जानकारी
कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि सभी राज्यों के 1,500 बड़े और छोटे संगठन जीएसटी संशोधन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं मसलन दवा की दुकानों, दूध और सब्जी की दुकानों को बंद से बाहर रखा गया है। वहीं फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव वी के बंसल ने कहा कि कुछ मांगों के समर्थन में हम दुकानें बंद करने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि, हमारा मानना है कि पिछले 43 माह के दौरान जीएसटी अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है।
दिल्ली की सीमाओं पर नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को किसानों से 26 फरवरी को परिवहन एवं श्रमिक संघों द्वारा बुलाये गये भारत बंद में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने की अपील की। व्यापारियों के संगठन कैट ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)व्यवस्था के प्रावधानों की समीक्षा की मांग को लेकर बुलाये गये भारत बंद के मद्देनजर 26 फरवरी को देशभर में सभी वाणिज्यिक बाजार बंद रहेंगे।
भारत बंद को छत्तीसगढ़ में मिला कांग्रेस का समर्थन
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने शुक्रवार को देश भर में भारत व्यापार बंद का आह्वान किया है। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सभी जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटीयों को व्यापारियों के बंद के आह्वान को समर्थन देने के निर्देश जारी किए हैं। कैट ने 26 फरवरी को देशभर में विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है। इस दौरान सभी बाजार बंद रहेंगे। सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।