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कर्नाटक में फंसे बंधुआ मजदूरों की सकुशल वापसी, प्रशासन का जताया आभार


सुकमा जिला प्रशासन (Sukma District Administration) और पुलिस विभाग (Police Department) को एक बड़ी सफलता मिली है। कलेक्टर विनीत नंदनवार की पहल से कर्नाटक में फंसे बंधुआ मजदूरों को कुशलता पूर्वक उनके गृह राज्य वापिस ला लिया गया है।





कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने की कार्रवाई





सुकमा जिले के कुछ युवा ज्यादा पैसा कमाने की चाह में मजदूरी करने कर्नाटक राज्य गए थे। जहां ज्यादा मजदूरी तो दूर की बात है, पूरी पारिश्रमिक भी नहीं मिल रही थी। इसकी शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम गठित कर इन मजदूरों को सफलतापूर्वक वापिस लाने की प्रक्रिया पूरी की गई।





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कर्नाटक राज्य (Karnataka state) के कोलार जिले में बैरानहली में फंसे 20 मजदूरों को अपने गृह राज्य (Sukma District Administrationआकर राहत मिली है। मजदूरों ने बताया कि वे कर्नाटक में खेती संबंधी काम करने गए थे। मालिक द्वारा पुरुष मजदूरों को 12 हजार रुपए और महिला मजदूरों को 9 हजार रुपए प्रति महीने की दर से पारिश्रमिक देने की बात कही गई थी। मजदूरों से 12 घंटे से ज्यादा काम लिया जाता रहा और बदले में पारिश्रमिक भी नहीं दिया गया। पिछले 11 महीनों से मजदूरों से बिना वेतन के काम लिया जा रहा था। इसके अलावा घर जाने की बात पर मालिक द्वारा मारपीट भी की गई।





अपने गृह जिला पहुंचकर प्रशासन का जताया आभार





सफलतापूर्वक अपने गृह जिला सुकमा पहुंचे मूलागुड़ा निवासी श्रमिक संतोष मंडावी ने बताया कि जनवरी 2020 में अपने साथियों के साथ वे काम करने कर्नाटक राज्य के बैरानहली गए थे। जहां उन्हें अच्छे परिश्रमिक और बेहतर जीवन की उम्मीद थी। मार्च महीने से उन्हें अपने घर वापस नहीं आने दिया गया न ही वेतन दिया गया।





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श्रमिक कोसा वेट्टी ने बताया कि मालिक सभी मजदूरों से 12 घंटे से ज्यादा काम लेता था और समय पर भोजन भी नहीं देता था। इसके साथ ही मालिक द्वारा तय की गई वेतन भी नहीं दिया गया, रोजमर्रा के खर्च के लिए महीने में सिर्फ 500 रुपए मिलते थे। इस बात की शिकायत उन्होंने फोन के माध्यम से अपने परिवारजनों से की और मदद की गुहार लगाई। अब सकुशल अपने गृह ग्राम आकर उन्हें बेहतर लग रहा है। मजदूरों ने अपनी सकुशल वापसी के लिए कलेक्टर और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।





श्रम निरीक्षक ने दी जानकारी





श्रम निरीक्षक सतानंद नाग (Labor inspector satanand nag) के मुताबिक सुकमा जिले और सीमावर्ती राज्य ओडिशा से कुछ श्रमिक कर्नाटक राज्य के मालूर में मेसर्स रंगनाथ इंटरप्राइजेस में गाजर खेती संबंधी काम करने गए थे।





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झापरा ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा सुकमा कलेक्टर के समक्ष इस बात की जानकारी प्रस्तुत की गई कि मालिक द्वारा मजदूरों को घर वापिस नहीं आने दिया जा रहा है। इसके बाद कलेक्टर ने इसका संज्ञान लेकर त्वरित निराकरण की कोशिश शुरू की और 5 सदस्यीय टीम गठित कर फंसे हुए मजदूरों को वापिस लाने की कार्रवाई की गई, टीम ने कुल 20 मजदूरों को सफलतापूर्वक वापस लाया है, जिसमें 10 सुकमा से और 10 श्रमिक सीमावर्ती राज्य ओडिशा के मलकानगिरी जिले से है। ओडिशा राज्य के मजदूरों को उनके गृह ग्राम भेजने की कार्रवाई की जा रही है।


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