रायपुर। पूर्व मंत्री की बहू और पोती की हत्या(Murder In Chhattisgarh) मामले में पुलिस का दावा है कि तीनों आरोपी मां-बेटी के शव को किसी सुनसान स्थान में ले जाकर ठिकाने लगाना चाहते थे। मुख्य आरोपी अजय राय ने बाहर ताला इसलिए लगाया, ताकि नेहा का भाई आकाश उसे मायके ले जाने के लिए आए और तो बाहर ताला लगा देखकर लौट जाए। वह लाशों को ले जाने के कारण कार लाने के नाम पर बाहर निकला था। लेकिन नेहा का मोबाइल बंद होने से एेसा नहीं हो सका और नेहा के परिजन उसे ढूंढते हुए घर पहुंच गए। अजय स्थानीय राजनीतिक दल से जुड़ा है और उसके खिलाफ मोवा थाने में हत्या की कोशिश(Murder In Chhattisgarh) का अपराध दर्ज है। इसके अलावा आरंग में उसके खिलाफ अपराध हैं।

मेघा के जाते ही पहुंचे थे आरोपीशनिवार को नेहा की छोटी बहन मेघा मनहरे दोपहर करीब 1.30 बजे से उसके घर में ही थी। नेहा दोपहर को मार्केट गई थी। इस दौरान मेघा उसकी बेटी पीहू के साथ घर में रही। शाम करीब 4 बजे नेहा मार्केट से घर पहुंची। इसके बाद मेघा शाम करीब 6.10 बजे वहां से अपने घर कचना चली गई। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक मेघा के जाने के बाद शाम 6.34 में सफेद टीशर्ट पहने युवक नेहा के मकान में जाते हुए नजर आया। फिर करीब 5मिनट बाद दो और युवक आए और भीतर चले गए। करीब 6.45 बजे सफेद टीशर्ट वाला युवक बाहर निकला। दो युवक बाहर नहीं निकले। रात करीब 7.30 बजे के बाद मकान के बाहर नेहा के परिजनों की हलचल शुरू हुई।
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अक्सर गांव में रहता था तरुण
तरुण और नेहा के बीच अक्सर विवाद होते थे। इसके चलते तरुण 10-15 दिन के लिए अक्सर अपने गांव चला जाता था। वहां खेती-किसानी का काम देखता था। इस दौरान नेहा और उसकी बेटी ही घर में रहती थी। नेहा के रिश्तेदारों का घर में आना-जाना लगा रहता था। एक बार 4 माह के लिए नेहा अपने मायके भी चली गई थी।हर माह आते थे 50 हजार
तरुण और नेहा ने 9 लाख रुपए भरत तिवारी को दिए थे। भरत ने यह पैसा कंस्ट्रक्शन कार्य में लगाया था। उसी पैसों को भरत हर माह 50 हजार रुपए देकर चुका रहा था। इसलिए भरत का तरुण के घर आना-जाना लगा रहता था।