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उत्तराखंड आपदा का 9वां दिन : अब तक 56 शव बरामद, 149 लोग अभी भी लापता


उत्तराखंड (Uttarakhand glassier burst update) के चमोली में आई त्रासदी का आज 9वां दिन है। वहीं आपदा के बाद जैसे-जैसे दिन बढ़ रहे है वैसे-वैसे ही लापता हुए लोगों के परिवारवालों की आस अब टूटती नजर आ रही है। आपदा के बाद अब तक सिर्फ 56 शव ही बरामद हुए हैं। इनमें से 30 लोगों की पहचान हो चुकी है। 15 फरवरी को भी 5 शव मिले थे, जिनमें 3 शव तपोवन की सुरंग में मिले। ITBP और सेना की मदद से तलाशी और रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue operation) लगातार चल रहा है। हालांकि अभी भी 149 लोग लापता हैं।









जारी रहेगा रेस्क्यू ऑपरेशन





विशेषज्ञ डॉक्टरों और DNA एक्सपर्ट्स की मदद से सभी 56 मृतकों के DNA सैंपल लिए जा चुके हैं। वहीं पोस्टमार्टम की कार्रवाई भी की गई है। गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन (Garhwal Divisional Commissioner Ravinath Raman) के मुताबिक तपोवन क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा के दौरान SDRF, NDRF, NTPC, आर्मी, पुलिस और जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने तपोवन में बैराज साइट, इंटेक्ट एडिट टनल पर उपकरण के सहयोग से मलवा रिमूवल कार्य और रेस्क्यू ऑपरेशन को युद्ध स्तर पर जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।





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राजस्व विभाग समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रभावित परिवारों को गृह अनुदान सहायता राशि वितरण कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 7 चिकित्सक दलों के माध्यम से सोमवार तक 1295 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है, जबकि प्रभावित क्षेत्र के रिंगी, रेगड़ी, सुराई योथ और रैणी चकलाता में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं।









बैठकों का दौर जारी





BRO के समीक्षा के दौरान रैणी में बेलीब्रीज निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने लोनिवि, जलसंस्थन, विद्युत, संचार कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने IRS कैंप कार्यालय में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य को लेकर जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया और संबंधित अधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की।









रैणी क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन ((Uttarakhand glassier burst update) की जानकारी लेते हुए, ITBP, NDRF और जिला प्रशासन के टीम को युद्ध स्तर पर रेस्क्यू कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर मशीनों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है।









बता दें कि देवों की नगरी उत्तराखंड (glassier burst in Uttarakhand) में 8 फरवरी को फिर से जल तांडव देखने को मिला था। चमोली जिले के रैंणी गांव के पास एक ग्लेशियर फटने से हड़कंप मच गया। देखते ही देखते पानी विकराल रूप लेते हुए निचले इलाकों की ओर बढ़ने लगा, जिसमें सबसे पहले इसकी चपेट में ऋषि गंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट आया, ये प्रोजेक्ट इस आपदा में पूरी तरह तबाह हो गया।









ऋषिगंगा प्रोजेक्ट





आपदा ग्रस्त क्षेत्र में मौजूद ऋषिगंगा प्रोजेक्ट 2020 में कमीशन हुआ था। जिसमें 35 लोग काम करते थे। उसी के नीचे तपोवन में एनटीपीसी प्रोजेक्ट पर 176 लोग काम कर हे थे। यहां दो टनल है। एक में 15 लोग तो दूसरी में 35 लोग फंसे हुए थे। जहां से उसी दिन 7 लोगों को बरामद किए गए थे, जबकि एक घायल का रेस्क्यू किया गया था।






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