उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लैशियर फटने (Uttarakhand glacier burst) से भारी संख्या में जन हानि होने की आशंका लगाई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार आधिकारिक तौर पर इस त्रासदी में 19 लोगों के मरने की बात कही जा रही है। सोमवार को राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 200 लोगों के लापता होने की आशंका जताई है। ऐसे में तपोवन के हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट की सुरंगों में फंसे मजदूरों की सांस अधर में लटकी है।
यहां दो सुरंगे हैं। इन सुरंगों में से 30 से 35 मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है। इन दो सुरंगों में से छोटी सुरंग में से तो लगभग सभी मजदूर बाहर आ चुके हैं। लेकिन बड़ी सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में ही असली समस्या सामने आ रही है।
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अभी भी करीब 203 लोग लापता हैं। अनुमान है कि दूसरी सुरंग में 35 लोग फंसे हैं। उन्हें निकालने की कोशिश जारी है।
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दूसरी सुरंग है ढाई किलोमीटर लंबी
यह बड़ी सुरंग करीब ढाई किलोमीटर लंबी है। चूंकि सिल्ट की वजह से इन सुरंगों के मुहाने तक पहुंच पाना मुश्किल है इसलिए यहां बचावकर्मी रस्सियों के सहारे ही इनके अंदर पहुंच पा रहे हैं। इस बड़ी सुरंग में इसी वजह से मशीनों की मदद से भरी हुई गाद या सिल्ट की सफाई नहीं हो पा रही है।
इसमें फंसे मजदूरों के पास ज्यादा समय नहीं
इस सुरंग में फंसे मजदूर किस हालत में होंगे इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों ने जिस तरह से सुरंग से एक-एक करके कई मजदूरों को बाहर निकाला है। उससे साफ पता चलता है कि अभी भी जो मजदूर फंसे हैं, उनके पास बहुत समय नहीं है।
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घुमावदार है बड़ी सुरंग
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि बचाव और राहत अभियान पुरजोर तरीके से जारी है जिसमें बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तपोवन क्षेत्र में स्थित बड़ी सुरंग में बचाव और राहत अभियान चलाने में मुश्किल आ रही है क्योंकि सुरंग सीधी न होकर घुमावदार है
80 मीटर तक का मलबा हटाया
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि टनल में 80 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है। अबतक 19 शव बरामद किए जा चुके हैं। डीजीपी ने बताया कि टनल में करीब 150-200 मीटर तक गाद भरी हुई है जिसमें 80 मीटर साफ किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि हमें उम्मीद है कि और भी लोगों को हम सुरक्षित निकाल लेंगे। मोटे तौर पर 202 लोगों के लापता होने की खबर है, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कुछ लोगों का आंकड़ा दो बार आ गया हो।
अगले 24 घंटे अहम साबित हो सकते हैं
हालांकि, बचाव कार्य के लिए थलसेना (200 जवान), एनडीआरएफ (150) और आईटीबीपी के कर्मी इलाके में मौजूद हैं। अगर मौसम नहीं बिगड़ता है और कोई दूसरा ग्लेशियर (Uttarakhand glacier burst) नहीं टूटता है तब अगले 24 घंटे सुरंग में फंसे इन मजदूरों को बचाए जाने के लिहाज से अहम साबित हो सकते हैं।