प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Order on private School) ने बड़ा झटका दे दिया है। जी हां, अब अभिभावकों को पूरी 100 फ़ीसदी फीस चुकानी पड़ सकती है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर अभिभावकों को एक साथ फीस देने में परेशानी हो तो वह किस्तों में पैसा दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें 6 महीने का समय दिया जाएगा जिसमें अभिभावक स्कूल को पैसा दे दें।
सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High-Court) के एक फैसले को बदलते हुए दिया है। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के दौरान फीस में छूट दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया. सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राइवेट स्कूल में अभिभावकों को बची हुई फीस चुकानी पड़ेगी इसमें कोई राहत नहीं दी जायेगी. 5 मार्च से स्कूलों को फीस वसूलने की इजाजत दी गयी है.अभिभावकों को कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुये फीस को 6 किस्तों में चुकाने की छूट भी दी है.
नहीं बढ़ेगी फीस
हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि स्कूल (Private School fees) बढ़ी हुई फीस ना लें. 5 मार्च 2021 से छात्रों से सत्र 2019-20 में तय फीस के हिसाब से ही पैसे लें. पहले ट्यूशन का 70 फीसद देने का फैसला हुआ था. अब कोर्ट ने कहा है कि तय फीस पूरी देनी होगी.
लेकिन स्कूल नहीं कर सकते बच्चों को बेदखल
कोर्ट ने अपने फैसले (Supreme Court Order on private School) में यह भी व्यवस्था दी है कि जो अभिभावक फीस नहीं दे पाये है उनके बच्चों को परीक्षा या क्लासेज से बेदखल नहीं किया जा सकेगा. स्कूल फीस वसूली के लिये उन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा. छात्र की फीस जमा नहीं होने पर उसे स्कूल से बेदखल नहीं किया जा सकेगा.