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राष्ट्रीय पर्यटन दिवस आज, सीएम बघेल और पर्यटन मंत्री साहू ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं


देश में हर साल 25 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day 2021) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देश की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। हमारा देश अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों (Tourist places) के कारण पूरे विश्व में अपना विशेष स्थान रखता है। भारत प्राकृतिक, सांस्कृतिक, विरासत, खेल, ग्रामीण, चिकित्सा, शैक्षिक, व्यापार, क्रूज और पर्यावरण पर्यटन के रूप में पर्यटन प्रदान करता है।





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भारत विविधताओं का देश है जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं है। आध्यात्मिक और धार्मिक यात्राएं भारत में सबसे ज्यादा की जाती है। इससे मन को शांति और विचारों में शुद्धता आती है। भारत के हर प्रदेश में विभिन्न और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मिल जायेंगे। इसके अलावा आप अपने रूचि के मुताबिक यात्राएं कर सकते है। युवा सबसे ज्यादा आगरा, दिल्ली, मुंबई, गोवा, कश्मीर, ऋषिकेष, केरल, अंडमान, बंगलौर, सूरत, गुजरात, राजस्थान जैसे जगहों पर विभिन्न एतिहासिक और अन्य प्रसिद्ध स्थानों पर घूमने जाते हैं।









इस दिन को मनाने का उद्देश्य(National Tourism Day)





राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day) को पर्यटन के महत्व और इसके राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वित्तीय मूल्य पर वैश्विक समुदाय के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। पर्यटन मंत्रालय देश में पर्यटन के विकास के लिए राष्ट्रीय नीतियों को बढ़ावा देता है। यह केंद्रीय, राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों का समन्वय करता है। पहली बार साल 1948 में केंद्र सरकार ने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पर्यटन समिति का गठन किया।









2019 की फिक्की-यस बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटन उद्योग ने वर्ष 2018 में $ 247.3 बिलियन का उत्पादन किया। इसने देश के सकल घरेलू उत्पाद का 9.2% योगदान दिया है। पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों का कहना है कि 7.7% से ज्यादा भारतीय कर्मचारी पर्यटन उद्योग में काम करते हैं।









पर्टयन का योगदान





पर्यटन भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावे में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। साल 2015 में भारत में जीडीपी के लिए ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री ने कुल 124.8 बिलियन डॉलर का योगदान दिया था। साल 2018 में 9.2 फीसदी जीडीपी में योगदान था। जिसे देश को 16.91 लाख करोड़ का फायदा हुआ था। 8.1 फीसदी रोजगार पर्यटन से मिल रहा है।





इन देशों से भी बड़ा लक्ष्य





साल 2023 तक पर्यटन से राजस्व का लक्ष्य 100 अरब डॉलर करने का रखा गया है। यह फ्रांस और स्पेन की तुलना में ज्यादा है। 2017 में भारत में 1.4 करोड़ विदेशी पर्यटक आए थे, जबकि 2014 में यही आंकड़ा 76.8 लाख था। इस लिहाज से भारत में पर्यटन के मोर्चे पर 14 प्रतिशत वार्षिक बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो वैश्विक औसत 6.8 प्रतिशत और एशियाई औसत 5.7 प्रतिशत से काफी ज्यादा है।









ई-वीजा शुल्क को कम करना, हिमालय की चोटियों को पर्यटकों के लिए खोलना, टूरिस्ट प्लेसों पर विदेशी भाषाओं में संकेत, एएसआई की साइटों को रोशन करना और भारत की संस्कृति को विदेशों में बढ़ावा देना, ये भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ओर से इस साल किए उठाए गए ऐसे सकारात्मक कदम हैं, जिनकी बदौलत साल 2020 तक देश में वैश्विक पर्यटकों की संख्या दो करोड़ा के पार पहुंच सकती है।









CM बघेल ने प्रदेशवासियों को दी राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की शुभकामनाएं(National Tourism Day)





मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day)पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पर्यटन देश-प्रदेश की आर्थिक उन्नति और रोजगार के अवसर प्रदान करता है। छत्तीसगढ़ में पर्यटन की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां महासमुंद जिले में स्थित पुरातात्विक धरोहर सिरपुर, सरगुजा की रामगढ़ में प्राचीनतम नाटयशाला सीताबेंगरा गुफा, बस्तर में चित्रकोट और तीरथगढ़ के जलप्रपात, कुटुमसर की गुफाएं जैसे अनेक स्थल पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व के हैं।









इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खूबसूरती, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पुरातात्विक महत्व के खजाने से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ को पर्यटन के केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण अनेक स्थलों को रमणीय बनाया जा रहा है।









छत्तीसगढ़ के गौरवशाली अतीत और समृद्ध विरासत को संजोने और संवारने का काम जारी है। छत्तीसगढ़ में स्थित राम वन गमन पथ को विकसित करने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में राम वन गमन पथ में आने वाले स्थलों में से आठ स्थलों-सीतामढ़ी-हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चन्दखुरी, राजिम, सिहावा और जगदलपुर को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित करने का काम शुरू हो गया है।









जशपुर जिले के बालाछापर गांव में ट्रायबल टूरिज्म एथनिक रिसॉर्ट का निर्माण कर पुरातत्व, कला-संस्कृति और आदिवासी जीवन शैली की अद्भूत छटा को चार एकड़ रकबे में समेट कर पर्यटन के लिए विकसित किया गया है।





पर्यटन मंत्री ने भी दी शुभकामनाएं





पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू (Tourism Minister Tamradhwaj Sahu) ने भी राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मंत्री साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की व्यापक संभावनाएं हैं। यहां प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण अनेक रमणीय स्थलों के साथ-साथ अनेक ऐसे पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं, जो बरबस ही लोगों को आकर्षित करते हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।









राज्य में ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक महत्व के ऐसे बहुत से बहुमूल्य धरोहर हैं, जिन्हें सहेजने और संवारने का कार्य छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है ताकि हमारी परम्परा,संस्कृति, जैव विविधता और खान पान से देश और दुनिया के लोग परिचित हो सकें और राज्य में पर्यटन विकास से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सके। इसी कड़ी में कोरिया से लेकर सुकमा तक राम वन गमन पर्यटन परिपथ का निर्माण किया जा रहा है, जो भविष्य में पर्यटन के उच्च प्रतिमान के रूप में पहचाना जाएगा। इसके पहले चरण के तहत 9 स्थलों को विकसित करने का कार्य शुरू किया जा चुका है।






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