बलौदाबाजार । छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुन्दर दास की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में मूक पशुओं पर बरती जा रही मानवीय क्रूरता पर चिंता व्यक्त की गई। दुर्घटना ग्रस्त पशुओं के इलाज के लिए पलारी विकासखण्ड के ग्राम वटगन में आरक्षित भूमि पर पशुगृह एवं रूग्णावास खोलने का निर्णय लिया गया। सड़कों पर दुर्घटना ग्रस्त पशुओं के अस्पताल तक लाने ले जाने के लिए रेस्क्यू वाहन (पशु एम्बुलैंस) भी खरीदा जाएगा। डीएमएफ मद से इसे मुहैया कराया जाएगा। कलेक्टर सुनील जैन (Balodabazar News) ने इन दोनों प्रकल्पों के लिए पशुधन विकास विभाग से प्रस्ताव देने को कहा हैं।
समिति की बैठक में पशु कु्ररता अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिया गया। जाने-अनजाने में भी लोग क्रूरता बरतते हैं। बताया गया कि बिना कलेक्टर की अनुमति के एक राज्य से दूसरे राज्य में पशुओं का परिवहन नहीं किया जा सकता। कलेक्टर छानबीन के बाद अनुमति प्रदान करेंगे। इसके लिए 5000 रूपये का शुल्क भी लगेगा। पशुओं को ले जाते समय एक झुण्ड में 25 से ज्यादा जानवर नहीं होगे।
Read More- एक दिन के मुख्यमंत्री की तर्ज पर बना एक दिन का थानेदार, जानें किसे और कैसे मिला ये मौका
बैल, गाय एवं साण्ड को इस दौरान हर दो घण्टे में पानी और चार घण्टे पर भोजन उपलब्ध कराना होगा। एक दिन में 30 किलोमीटर से ज्यादा दूरी यात्रा पर नहीं ले जाया जाएगा। भैंस और बछड़ों के लिए भी अलग-अलग पैमाना है। वाहनों में परिवहन के दौरान एक बार में 5 से ज्यादा पशुओं को ले जाना प्रतिबंधित है। नियमों के उल्लंघन पर 10 हजार रूपये से लेकर 50 हजार रूपये तक का अर्थदण्ड लगेगा। मुर्गियों को उल्टे टांगकर मोटर सायकिल पर परिवहन करना पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है। ऐसे लोगों को नियमों की जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जाना चाहिए।
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा कि पशुओं को लावारिश कहना अपने आप में गौमाता का अपमान है। एक तरफ हम गायों को माता कहते हैं और दूसरी तरफ इन्हें लावारिश कहते हैं। दोनों चीजें एक साथ कैसे हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा करने के लिए गौशाला खोलना जरूरी नहीं है। हम जहां पर है, वहीं से गौसेवा (Balodabazar News) कर सकते हैं। जैसे कि किसान खेतों में पैरा को न जलाकर खेतों में ही ऐसे ही खुला छोड़ दें तो इसे खाकर गाय-बैल अपना पेट भरेंगी, यह भी एक प्रकार की गौसेवा है। उन्होंने स्कूली बच्चों में पशुओं के प्रति प्रेमभाव विकसित करने के लिए पर्चे के माध्यम से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने को कहा है। पुलिस विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि इस साल पशु क्रूरता से जुड़े दो अपराध पंजीबद्ध हुए है। इसके पहले गत वर्ष में 7 अपराध दर्ज किये थें।
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने पशु कु्ररता निवारण समिति में और ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को जोड़ने के निर्देश दिए। आजीवन सदस्य, साधारण सदस्य, संस्थागत सदस्य एवं मानक सदस्य के रूप में सदस्यता ग्रहण की जा सकती है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में खुले में मांस-मटन एवं मछली के विक्रय पर कार्रवाई की जायेगी। बैठक में गौसेवा आयोग के रजिस्टार डाॅ. एन.के.शुक्ला, सचिव डाॅ. एमपी पासी, उप संचालक पशु चिकित्सा डाॅ. चन्द्रकांत पाण्डेय, जिला अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर, पशु कल्याण अधिकारी संतोष यादव एवं जागेश्वर पटेल सहित समिति के सदस्य एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।