आज पूरा देश अपना 72 वां गणतंत्र (72th Republic Day) दिवस मना रहा है। इस दिन भारत का सविंधान पारित हुआ था इसलिए हर इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते है भारत के संविधान से जुड़ी कुछ खास बातें -
संविधान सभा की पहली बैठक
संविधान सभा को ही स्वतंत्र भारत की पहली संसद थी. इस सविंधान सभा के पहले अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा (अस्थायी अध्यक्ष) थे. जिसकी पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी.
60 देशों के सविंधान का अवलोकन
संविधान निर्माताओं ने लगभग 60 देशों के संविधानों का अवलोकन किया था और जिस संविधान में जो प्रावधान भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ लगा उसे भारत के संविधान में शामिल कर लिया गया था.
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कुल खर्च
संविधान के निर्माण पर कुल 64 लाख रुपये का खर्च आया था.
बनाने में लगा समय
संविधान के बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था.
अंतिम ड्राफ्ट में हुए संशोधन
संविधान को अंतिम रूप देने से पहले इसमें 2000 से अधिक संशोधन किए गए थे.
सबसे लंबा संविधान
भारतीय संविधान दुनिया में किसी भी संप्रभु देश का सबसे लंबा है.
24 जनवरी को हुआ था हस्ताक्षर
24 जनवरी 1950 को, संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारतीय संविधान को संविधान भवन में हस्ताक्षरित किया था, जिसे अब संसद के केंद्रीय कक्ष के रूप में जाना जाता है.
हस्तलिखित संविधान
भारतीय संविधान के हिंदी और अंग्रेजी के दोनों संस्करण हस्तलिखित थे. यह पृथ्वी पर किसी भी देश का सबसे लंबा हस्तलिखित संविधान है.
संविधान के लेखक
भारत के मूल संविधान को 'प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा' ने सुंदर सुलेख के साथ इटैलिक शैली में लिखा था.
भारतीय संविधान (72th Republic Day) का प्रकाशन देहरादून में किया गया था और सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा फोटोलिथोग्राफ किया गया था.