कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शासन ने महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को ऑनलाइन (online classes) अध्यापन सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। वहीं इसके परिपालन में कोताही बरतने वाले रायपुर संभाग के लगभग 12 से ज्यादा महाविद्यालयों के प्राचार्यों और सहायक प्राध्यापकों की वेतनवृद्धि रोकने के लिए उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी(Notice Issued to Colleges) करने के निर्देश दिए हैं।
प्राध्यापकों के परफॉरमेंस की गहन समीक्षा(Notice Issued to Colleges)
महाविद्यालयों की ऑनलाइन क्लासेस (online classes) सहित अन्य विषयों की समीक्षा के लिए शनिवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित रायपुर संभाग के समस्त कॉलेजों के प्राचार्यों की लगभग 5 घंटे तक बैठक चली। जिसमें उच्च शिक्षा सचिव ने समस्त प्राध्यापकों के ऑनलाइन क्लास के परफॉरमेंस की गहन समीक्षा की।
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निर्धारित कालखंड के मुताबिक ऑनलाइन क्लास (online classes) लेने में चूक करने वाले लगभग 12 से ज्यादा सहायक प्राध्यापकों और ऑनलाइन त्रुटिपूर्ण रिपोर्टिंग के लिए कई प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग की आयुक्त शारदा वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ऑनलाइन क्लासेस अनिवार्य(Notice Issued to Colleges)
सचिव उच्च शिक्षा धनंजय देवांगन ने समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में विद्यार्थियों के लिए संचालित ऑनलाइन क्लासेस (online classes) की मॉनिटरिंग का प्राथमिक दायित्व कॉलेज के प्राचार्यों का है। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने प्राचार्यों को ऑनलाइन क्लासेस अनिवार्य रूप से महाविद्यालय से ही संचालित करने के निर्देश दिए।
सहायक प्राध्यापकों को शत-प्रतिशत कक्षाएं लेने के निर्देश
सचिव ने प्राचार्यों को ऑनलाइन क्लास (online classes) की गुणवत्ता और निरंतरता पर निगरानी के लिए समय-समय पर ऑनलाइन क्लास से जुड़ने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि अगर अपरिहार्य कारणों से कोई सहायक प्राध्यापक अवकाश पर है, तो उसके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। उच्च शिक्षा सचिव ने सभी प्राचार्यों को अनिवार्य रूप से निर्धारित कालखंड के मुताबिक सभी सहायक प्राध्यापकों से शत-प्रतिशत कक्षाएं लिया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्राचार्यों और प्राध्यापकों के परफारमेंस का मूल्यांकन
सचिव ने कहा कि प्राचार्यों और प्रभारी प्राचार्यों को भी अनिवार्य रूप से ऑनलाइन कक्षाएं (online classes) नियमित रूप से लेना चाहिए। उच्च शिक्षा सचिव ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना काल के दौरान संचालित ऑनलाइन क्लासेस के मुताबिक ही प्राचार्यों और सहायक प्राध्यापकों के परफारमेंस का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस से शत-प्रतिशत विद्यार्थियों के जुड़ने के संबंध में भी हर संभव प्रयास करने की बात कही।
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उच्च शिक्षा सचिव ने ऑनलाइन क्लासेस (online classes) की सफलता के लिए विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से नियमित रूप से फोन पर संपर्क कर उन्हें इसके लिए प्रेरित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में सचिव और आयुक्त ने संयुक्त रूप से महाविद्यालयों में अधोसंरचना के विकास के लिए विभिन्न मदों के अंतर्गत दी गई स्वीकृति और संचालित निर्माण, जीर्णोंद्धार कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर निगरानी
सचिव ने कहा कि महाविद्यालयों में हो रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर निरंतर निगरानी रखी जानी चाहिए। बैठक में महाविद्यालयवार आवंटित राशि और निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। आयुक्त उच्च शिक्षा शारदा वर्मा ने सेवानिवृत्ति से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए प्राचार्यों को अग्रिम कार्रवाई के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयीन अधिकारी-कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की तिथि को ध्यान में रखते हुए कम से कम 2 साल पहले प्रकरण तैयार करने की कार्रवाई शुरू कर दी जानी चाहिए।
निर्धारित समय-सीमा का पालन करने के निर्देश
सेवा सत्यापन, एनओसी और ऑनलाइन पेंशन प्रकरण के लिए निर्धारित समय-सीमा का पालन करने के भी निर्देश प्राचार्यों को दिए गए। उन्होंने प्राचार्यों को कॉलेज परिसर और कक्षों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के साथ ही कॉलेज परिसर के खाली स्थानों पर यथासंभव पौधरोपण और अर्नामेंटल पौधे लगाए जाने की बात कही। बैठक में महाविद्यालयों की नेक ग्रेडिंग को लेकर प्राचार्यों को मापदंड के मुताबिक आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए गए।