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मनोहर पर्रिकर की जयंती आज, लोकसभा अध्यक्ष सहित कई दिग्गज नेताओं ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि


भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के चार बार सीएम रहे मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar birth anniversary) की आज 65वीं जयंती है। मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ था, जिनका 17 मार्च 2019 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे पैनक्रियाज के कैंसर से पीड़ित थे।









पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (Former Defense Minister Manohar Parrikar) की जयंती पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह ने ट्विटर के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजली दी है। साथ ही उन्हें याद किया है।





लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का ट्वीट-






https://twitter.com/ombirlakota/status/1337973603514470400




मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का ट्वीट-






https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1337952142800416768




छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का ट्वीट-






https://twitter.com/drramansingh/status/1338039261866541057




बता दें कि मनोहर पर्रिकर की गिनती ऐसे राजनेताओं में की जाती है जो अपनी‌ ईमानदारी, स्वच्छ छवि और सादगीपूर्ण जीवन शैली के लिए हमेशा चर्चाओं में रहे। देश के रक्षा मंत्री और गोवा के चार बार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद वे हमेशा तामझाम से दूर रहे। वे इतना सादगी पसंद व्यक्ति थे कि गोवा की गलियों में बिना किसी तामझाम के एक आम आदमी की तरह स्कूटर से लोगों के बीच पहुंच जाते थे।





मनोहर पर्रिकर के पास थी आईआईटी की डिग्री





मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिनके पास आईआईटी की डिग्री थी। उन्होंने देश के सबसे प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थान मुंबई आईआईटी से बीटेक की डिग्री ली थी। हालांकि बाद में आईआईटियन केजरीवाल भी दिल्ली के सीएम बने, लेकिन मनोहर पर्रिकर हमेशा पहले के तौर पर याद किए जाते रहेंगे।









मनोहर पर्रिकर पहले ऐसे सीएम थे, जो कैंसर का पता लगने के बावजूद एक साल से ज्यादा समय तक पद पर रहे। सबसे दिलचस्प बात यह है कि पीएम पद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का समर्थन करने वालों में वो बीजेपी के पहले सीएम थे। गोवा की राजनीति में भाजपा की जड़ों को मजबूत बनाने में पर्रिकर का उल्लेखनीय योगदान था।









पर्रिकर पहली बार 1994 में विधानसभा का चुनाव जीता था। उस समय भाजपा गोवा में बड़ी ताकत नहीं बन पाई थी और पार्टी की सिर्फ 4 सीटें हुआ करती थी। इसके बाद पर्रिकर लगातार गोवा में पार्टी को मजबूत बनाने में जुटे रहे और 6 साल के अंदर ही उन्होंने गोवा में भाजपा को इतना मजबूत बना दिया कि वह सरकार बनाने में कामयाब हो गई।









24 अक्टूबर 2000 को पर्रिकर ने पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी। इसके बाद 5 जून 2002 को वे दोबारा मुख्यमंत्री बने थे। वहीं 2012 में वे फिर मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए। विपक्ष में रहते हुए उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान हुए खनन घोटालों का पर्दाफाश करके सनसनी फैला दी थी।





आज ही के दिन 2001 में संसद पर हुआ था आतंकी हमला, PM मोदी सहित गृहमंत्री शाह और स्पीकर ओम बिरला ने किया शहीदों को नमन





मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) की सरकार में 'साइबर एज' योजना के तहत 10वीं में पढ़ने वाले हर छात्र-छात्रा को केवल 1000 रुपये में कंप्यूटर उपहार में दिया जाता था। 'लाडली लक्ष्मी' योजना के तहत हर बेटी की शादी में सरकार की तरफ से 1 लाख रुपये दिए जाते थे। महंगाई से निपटने की या महंगाई से राहत देने की किसी योजना के बारे में आपने नहीं सुना होगा, लेकिन 'गृह आधार' योजना के तहत पर्रिकर सरकार में हर गृहणी को 1000 रुपये प्रति महीना दिया जाता था।





पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के रूप में लिए थे कई बड़े फैसले





  • रक्षा मंत्री के रूप में पर्रिकर के कार्यकाल को हमेशा याद किया जाता है। उन्होंने 9 नवंबर 2014 को देश के रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला था और रक्षा मंत्रालय में आने के बाद कई बड़े फैसले लिए थे।
  • उरी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत के जवाब में भारत ने अक्टूबर 2016 में पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और कई आतंकियों को ढेर कर दिया था। रक्षा मंत्री के रूप में पर्रिकर सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पूरी रात ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे।
  • जब पर्रिकर रक्षा मंत्री थे उस दौरान ही भारतीय सेना ने मणिपुर में म्यांमार सरहद पर आतंकियों के खिलाफ सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन की कामयाबी में पर्रिकर की बड़ी भूमिका थी और उन्हीं की निगरानी में यह ऑपरेशन चलाया गया था।
  • फ्रांस से राफेल सौदे का मामला लंबे समय से अटका पड़ा था और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में ही इस सौदे को मंजूरी दी गई थी। सितंबर 2016 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल फाइटर प्लेन के सौदे पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत की ओर से इस समझौते पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस की ओर से वहां के रक्षा मंत्री ज्यां सील ली ड्रियान ने हस्ताक्षर किए थे।
  • सेना में वन रैंक वन पेंशन की 40 साल पुरानी मांग को अमल के रास्ते पर ले आने में भी पर्रिकर की महत्वपूर्ण भूमिका थी।








बता दें कि फरवरी 2018 में पर्रिकर को कैंसर से पीड़ित होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क में अपना इलाज कराया था। वहीं जिन दिनों में वे बहुत गंभीर रूप से बीमार थे, उन दिनों में भी गोवा की विधानसभा में उन्होंने 2019-20 का बजट पेश किया था। इस दौरान उन्होंने बहुत ही आत्मविश्वास के साथ कहा था 'मैं जोश में भी हूं और पूरी तरह होश में भी हूं।'


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