भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले को आज 19 साल पूरे हो गए हैं।इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित स्पीकर ओम बिरला ने संसद (Attack on parliament) पर हमले के दौरान शहीद हुए जवानों को नमन किया है।
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बता दें कि 19 साल पहले आज ही के दिन यानी 13 दिसंबर 2001 की सुबह लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर आतंकियों ने हमला किया था। 2001 में हमले के दौरान शीतकालीन सत्र चल रहा था। इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, CRPF की एक महिला कॉन्स्टेबल के अलावा तीन और अन्य लोगों की जान चली गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट सुरक्षा कर्मियों के बलिदान को किया याद
पीएम ने ट्वीट कर लिखा है कि 'हम 2001 में आज के दिन अपनी संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेंगे। हम उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी। भारत हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा।'
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद पर हमले के दौरान शहीद हुए जवानों को नमन किया है।
गृह मंत्री ने ट्वीट कर लिखा है कि '2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले मां भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। कृतज्ञ राष्ट्र आपके अमर बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।'
स्पीकर ओम बिरला (Attack on parliament) ने भी दी श्रद्धांजलि
गौरतलब है कि 2001 में 13 दिसंबर की सुबह संसद भवन की इमारत में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की एंबेसडर कार का इस्तेमाल किया था और सुरक्षाकर्मियों को गच्चा देने में कामयाब रहे, लेकिन उनके कदम लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र कर पाते उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें बलों ने उन्हें मार गिराया। हालांकि इस दौरान दिल्ली पुलिस के 5 जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कॉस्टेबल के अलावा तीन और अन्य लोग शहीद हो गए थे। इसके अलावा इसमें 16 जवान भी घायल हुए थे।
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देश की संसद पर हुए हमले की कार्रवाई करीब 45 मिनट तक चली थी। इस हमले की खबर जब टीवी के माध्यम से लोगों तक पहुंची तो हर कोई हैरान था। देश की संसद पर हमले की ये पहली घटना थी। इस हमले में जैश ए मोहम्मद के पांच आतंकी शामिल थे। इन आतंकियों के मकसद को विफल करने में सीआरपीएफ की महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड और दिल्ली पुलिस के पांच जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
हमले के 12 साल बाद दी गई आतंकियों को फांसी
संसद हमले (Attack on parliament) के 12 साल बाद 9 फरवरी 2013 को दोषी अफजल गुरु को फांसी पर चढ़ाया गया था।