अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ( former Chief Minister of undivided Madhya Pradesh Motilal Vora) की 21 दिसंबर को निधन हो गया है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में 21 दिसंबर से 23 दिसंबर तक तीन दिवस का राजकीय शोक घोषित किया है। राजकीय शोक की अवधि में राज्य में स्थित समस्त शासकीय भवनों और जहां पर नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाते हैं वहां पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। साथ ही शासकीय स्तर पर कोई मनोरंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे।
राज्य शासन द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि वोरा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इस संबंध में मंत्रालय महानदी भवन से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है।
बता दें कि आज दुर्ग में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। इसी के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को दुर्ग पहुंचे थे। जहां उन्होंने शिवनाथ नदी तट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के अंतिम संस्कार स्थल की व्यवस्था का मौका मुआयना किया। इसके अलावा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल के साथ कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी मौजूद थे।
वहीं सीएम बघेल ने मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक प्रकट किया। सीएम ने इसे अपूर्णीय क्षति बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राजनैतिक और सार्वजनिक जीवन में उनका कोई शत्रु नहीं था। वे अजात शत्रु थे। उन्होंने कहा कि वोरा सहज, सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। उच्च पदों पर आसीन रहने की बाद भी उनकी जीवनशैली में सादगी थी।
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (Mohan Markam) ने बताया कि मंगलवार को सुबह 11 बजे वोरा का पार्थिव शरीर रायपुर लाया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं के दर्शन के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में रखा जाएगा। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा।
बता दें कि 20 दिसंबर को ही वोरा ने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। लंबे समय तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। मोतीलाल वोरा के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सीएम भूपेश बघेल सहित कांग्रेस और बीजेपी के कई नेताओं ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख जताया है।
मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले मोतीलाल वोरा ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली थी। मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था। मोतीलाल वोरा की शादी शांति देवी वोरा से हुआ था, उनकी चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनके बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं और वे तीन बार विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं।
मोतीलाल वोरा का राजनीतिक जीवन
- मोतीलाल वोरा ने कई सालों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए पत्रकारिता की और बाद में 1968 में राजनीति में प्रवेश किया।
- 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश ‘राज्य सड़क परिवहन निगम’ के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए।
- 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए और उन्हे 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली।
- मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त हुए।
- 13 फरवरी 1985 में वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया।
- 13 फरवरी 1988 को मोतीलाल वोरा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला।
- अप्रैल 1988 में मोतीलाल वोरा राज्यसभा के लिए चुने गए।
- 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे।