पूरी दुनिया में इस वक्त कोरोना ने कोहराम मचा के रखा हैं, रोजाना दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से हजारों और लाखों की संख्या में कोरोना मरीजों की पहचान हो रही है। हालांकि कई देशों ने कोरोना वैक्सीन बना लिया है। जबकि कई देशों में अभी भी कोरोना की वैक्सीन पर काम चल रही है।
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वहीं जिन देशों में कोरोना की वैक्सीन बन गई है, वहां उसका डोज इतना नहीं है कि वे सब को कोरोना का टीका लगा सके। इसीलिए कोरोना (Corona ) से जंग में सैनिटाइजर को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं जानलेवा वायरस का खतरा कम करने वाले सैनिटाइजर के भी कई साइड इफेक्ट (Sanitizer Side Effects) होते हैं। इसका रेगुलर इस्तेमाल न सिर्फ हमारी स्किन, बल्कि कई शारीरिक अंगों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए डॉक्टर्स सैनिटाइजर की जगह साबुन का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। आज हम आपको सैनिटाइजर से होने वाले नुकसान (Side Effects of using hand Sanitizer) के बारे में बताने वाले है।
सैनिटाइजर से होते हैं ये नुकसान
( Side Effects of using hand Sanitizer)
सैनिटाइजर के ज्यादा यूज से हार्मोन पर पड़ता है बुरा असर (Use of sanitizer excess affects the hormones adversely)
डॉक्टरों के मुताबिक नॉन एल्कोहॉलिक सैनिटाइजर में मौजूद ट्राइक्लोसन हार्मोन से जुड़ी समस्या (Use of sanitizer excess affects the hormones adversely) के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ना किसी भी गंभीर समस्या को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए सैनिटाइजर का कम से कम और जरुरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करना चाहिए।
सैनिटाइजर के ज्यादा यूज से होता है डर्माटाइटिस या एग्जेमा की परेशानी (More use of sanitizer causes dermatitis or eczema)
डॉक्टरों के मुताबिक साबुन से 20 सेकेंड हाथ धोकर आप कोरोना के इंफेक्शन से बच सकते हैं। इमरजेंसी में आप एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इसके रेगुलर इस्तेमाल से डर्माटाइटिस या एग्जेमा यानी त्वचा में खुजली की समस्या बढ़ सकती है। डर्माटाइटिस या एग्जेमा के कारण स्किन में रेडनेस, रूखापन और क्रैक की परेशानी (More use of sanitizer causes dermatitis or eczema) बढ़ जाती है। इसलिए सैनिटाइजर का ज्यादा उपयोग न करें।
सैनिटाइजर के ज्यादा यूज से फर्टिलिटी पर पड़ता है बुरा असर (More use of sanitizer affects fertility)
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के डॉक्टर का कहना है कि कुछ सैनिटाइजर अल्कोहल युक्त होते हैं। इसमें मौजूद एथिल अल्कोहल एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। जबकि कुछ नॉन एल्कोहॉलिक सैनिटाइजर भी होते हैं। नॉन एल्कोहॉलिक सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसन या ट्राइक्लोकार्बन जैसे एंटीबायोटिक कंपाउंड का इस्तेमाल होता है। बहुत सी स्टडी में ये बात साबित हो चुकी है कि ट्राइक्लोसन का फर्टिलिटी (More use of sanitizer affects fertility) पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
सैनिटाइजर में पाया जाता है मेथानॉल नामक कैमिकल (A chemical called methanol is found in sanitizer)
डॉक्टरों के मुताबिक कुछ सैनिटाइजर में मेथनॉल नाम का जहरीला कैमिकल (A chemical called methanol is found in sanitizer) भी पाया जाता है जो मतली, उल्टी, चक्कर, अनिद्रा, धुंधली दृष्टि या अंधेपन जैसे कई खतरनाक दुष्प्रभावों का खतरा बढ़ा सकता है। इतना ही नहीं यह आपकी तंत्रिका तंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाता है। इससे किसी की जान भी जा सकती है।
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सैनिटाइजर के ज्यादा यूज से इम्यून सिस्टम पर पड़ता है बुरा असर (More use of sanitizer affects the immune system)
ट्राइक्लोसन इंसान को बीमारियों से बचाने वाले इम्यून सिस्टम के फंक्शन के लिए भी अच्छा नहीं होता है। कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण बीमारियों के चपेट में आने की संभावनाएं काफी बढ़ (More use of sanitizer affects the immune system) जाती हैं।
शरीर के विकास में बाधा (Impede body development)
हैंड सैनिटाइजर को ज्यादा खुशबूदार बनाने के लिए इसमें प्थालेट्स और पैराबेंस जैसे जहरीले कैमिकल्स का भी इस्तेमाल किया जाता है। प्थालेट्स एंडोक्रिन डिसरप्टर्स होते हैं जो इंसान के विकास और रीप्रोडक्शन प्रक्रिया को बाधित करते हैं। जबकि पैराबेन्स हमारे हार्मोन, फर्टिलिटी और रीप्रोडक्टिव डेवलपमेंट के लिए नुकसानदायी होता है।
एल्कोहल पॉइजनिंग (Alcohol poisoning)
सैनिटाइजर को ज्यादा असरदार बनाने के लिए इसमें एल्कोहल की मात्रा बढ़ाई जाती है, लेकिन दुनियाभर में ऐसे केई मामले सामने आ चुके हैं, जहां सैनिटाइजर की वजह से टीनेजर्स एल्कोहल पॉइजनिंग का शिकार हुए हैं। एल्कोहल पॉइजनिंग (Alcohol poisoning) के बाद इन्हें अस्पताल में दाखिल करना पड़ा था।
सैनिटाइजर के ज्यादा यूज से हो सकते हैं स्किन से जुड़ी समस्याएं (Use of sanitizer may cause skin problems)
सैनिटाइजर एक एंटीसेप्टिक प्रोडक्ट है। स्किन को किटाणुओं से बचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। एथिल या आइसोप्रोपिल अल्कोहल जैसे तत्वों की मदद से इसे तैयार किया जाता है। शायद आपको मालूम नहीं कि इसके लगातार उपयोग से स्किन में जलन ड्रायनेस की समस्या बढ़ (Use of sanitizer may cause skin problems) सकती है। अगर आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील है तो इसे लेकर आपको काफी सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं सैनिटाइजर के जगह साबून के इस्तेमाल से ये सभी समस्याओं से छूटकारा पाया जा सकता है।