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25 दिसंबर को क्रिसमस के साथ हैं दो और पर्व, जानें इन पर्वों का क्या महत्व


25 दिसंबर 2020 का दिन पंचांग के मुताबिक धर्म-कर्म की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। आज के दिन 3 खास पर्व पड़ ( christmas festival mokshada ekadashi and geeta jayanti are celebrating on 25th december 2020) रहे हैं। आज क्रिसमस के साथ ही दो विशेष पर्व भी हैं। बता दें कि क्रिसमस का पर्व भारत सहित पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं आज ही मोक्षदा एकादशी व्रत और गीता जंयती का पर्व भी है।





क्रिसमस का महत्व (Importance of Christmas)





25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व मनाया (Christmas festival) जाता है। इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। इस दिन प्रभु यीशु (Lord Jesus) के जन्म दिन की उपलक्ष्य में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं और उपहार देते हैं। इस पर्व को खुशियों का पर्व भी कहा जाता है। क्रिसमस का पर्व प्रेम और दया का संदेश देता है।





मोक्षदा एकादशी व्रत और इसका महत्व (Mokshada Ekadashi fast and its importance)





पंचांग के मुताबिक 25 दिसंबर को मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी (Mokshada Ekadashi fast and its importance) तिथि है। इस एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह साल की अंतिम एकादशी है। मोक्षदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत सभी प्रकारों के पाप से मुक्त दिलाता है, जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है।





गीता जयंती का महत्व (Importance of Geeta Jayanti)





हिंदू धर्म में गीता को बहुत पवित्र ग्रंथ माना (Geeta Jayanti) गया है। ऐसा माना जाता है कि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ही गीता की उत्पत्ति हुई थी। इसे श्रीमद्भागवत गीता भी कहा जाता है। एकादशी तिथि को ही महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसीलिए इस दिन को गीता जंयती के रूप में मनाया जाता है। गीता का उपदेश मनुष्य को जीवन में श्रेष्ठ बनाने के लिए प्रेरित करता है। गीता में कुल 18 अध्याय हैं। इस दिन गीता का पाठ करने से भगवान श्रीकृष्ण का आर्शीवाद प्राप्त होता है। मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) का सबसे प्रिय महीना भी माना जाता है।


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