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राज्यसभा सांसद हुए ऑनलाइन ठगी का शिकार, क्रेडिट कार्ड से दिया गया घटना को अंजाम

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रायपुर. ऑनलाइन ठगी से दिनों बहुत से लोगों के पैसे या प्राइवेट इनफार्मेशन की चोरी की जा रही है। अब छत्तीसगढ़ की राजधानी में राज्यसभा सांसद ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए हैं। राज्यसभा सांसद के बंद पड़े क्रेडिट कार्ड से अज्ञात आरोपियों ने 45 हजार रुपये से ज्यादा की रकम निकाल लिए है। सांसद को इसकी जानकारी तब हुई जब बैंक के द्वारा उन्हें कॉल करके खर्च किये गए रुपयों की मांग की गई, तब जाकर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद इस पूरे मामले में सांसद ने खुद तेलीबांधा थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।





मिली जानकारी के मुताबिक राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम के नाम पर एक क्रेडिट कार्ड था, जो कि 2020 में ही एक्सपायर हो गया। इसके बाद उन्होंने इस कार्ड को बंद करा दिया था। इसके बाद भी बैंक के द्वारा उनके कार्ड को बिना बताए रिन्यु कर दिया गया और 24 फरवरी को उनके क्रेडिट कार्ड से आनलाईन ट्रांजेक्शन कर 45 हजार 6 सौ 68 रुपये निकाल लिया गये थे। बैंक के द्वारा जब उन्हें खर्च किये गए रकम को पेमेंट करने के लिये फोन किया गया तब जाकर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।





इसके बाद इस पूरे मामले में सांसद ने 10 जून को तेलीबांधा थाने में ऑनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद तेलीबांधा थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 420 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।


ऑनलाइन ठगी: सिम ब्लॉक होने का बहाना बनाकर ठगों ने करवाया KYC और फिर अकाउंट से पार हो गए 2 लाख से ज्यादा रुपए..

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रायपुर. ऑनलाइन ठगी या साइबर क्राइम इस समय एक बड़ी समस्या है । जहां ठग भोले भाले लोगों की मासूमियत का फायदा उठाते है। ऐसा ही एक ताजा मामला रायपुर से आया है। जहां ठगों ने कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय की क्लर्क को अपनी ठगी का शिकार बनाया है।





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कहा आपका सिम हो गया हैं ब्लॉक..





मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय की क्लर्क को ठगों ने सिम ब्लॉक होने का झांसा देते हुए KYC अपडेट और एनी डेस्क एप डाउनलोड करवाया जिसके बाद नीति के बैंक खाते से लाखों की रकम पार हो गई।





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लगभग 2 लाख से ज्यादा की रकम पार..





आज़ाद चौक थाना पुलिस ने बताया कि अज्ञात ठगों ने महिला के बैंक अकाउंट से लगभग 2 लाख 33 हजार रुपए की बड़ी रकम पार कर दी है। जिसके बाद अज्ञातों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है। और पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है।


बैंक कर्मचारी बन LIC अफसर के साथ ठगी, 84 हजार हुए पार, 2 महीने बाद मिली इसकी जानकारी

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बिलासपुर. ऑनलाइन ठगी का एक और मामला सामने आया है , जहां छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ठगों ने एक LIC अफसर (fraud with LIC Officer) को झांसा देकर ठगों ने उनके खाते से 84 हजार से ज्यादा रुपए निकाल लिए। ठगों ने पहले कॉल कर क्रेडिट कार्ड बंद करने का झांसा दिया। उसके बाद अफसर से उसका नंबर व OTP पूछ कर खाते से रकम निकाल लिया। जिसकी जानकारी अफसर को दो माह बाद बैंक जाने पर पता चला।





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खुद को बताया बैंक कर्मचारी





यह मामला सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का है। जानकारी अनुसार, जरहाभाठा निवासी मनोजीत डे LIC में सहायक प्रशासनिक अधिकारी हैं और मुंगेली में पदस्थ हैं। उनके मोाबइल पर 15 दिसंबर को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए कहा कि अगर वह अपना क्रेडिट कार्ड जारी रखना चाहते हैं तो 24 हजार रुपए वार्षिक शुल्क देना पड़ेगा। जब मनोजीत ने कार्ड एक्टिवेट करने में असमर्थता जताई तो ठग ने उसे बंद करने की बात कही।





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2 महीने बाद चली ठगी की जानकारी





उनकी बातों में आकर अफसर (fraud with LIC Officer) ने ठग को इसकी जानकारी दे दी। जिसके बाद उनके कार्ड से 84,331,83 रुपए की खरीदारी कर ली गई। बिलिंग साइकिल के दौरान कार्ड का पेमेंट भी उनके खाते से 12 जनवरी को कट गया। इन सब के बावजूद मनोजीत को पता नहीं चला। इस बीच 15 फरवरी को वह बैंक गए तो स्टेटमेंट चेक करने पर उन्हें ट्रांजेक्शन का पता चला। इसके बाद उन्होंने मंगलवार शाम FIR दर्ज कराई है।


प्रदेश के इन 3 बड़े चेहरों के नाम पर ऑनलाइन ठगी की कोशिश

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रायपुर : ठगों के हौसले इतने मजबूत हो चुके हैं कि अब मंत्रियों और नेताओं के नाम पर (Online fraud using Famous names) भी लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। हाल ही में छत्तीसगढ़ में मंत्री और विधायकों के नाम पर ठगी की कोशिश (Online fraud in Chhattisgarh) का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ठगों ने नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय और स्टेट वेयरहाउस कॉर्पोरेशन (State Warehouse Corporation) के अध्यक्ष अरुण वोरा के नाम ऑनलाइन कारोबार से जुड़े लोगों को निशाना बनाने की कोशिश की। गनीमत रहीं कि कोई इस झांसे में नहीं आया।





सबसे पहले ठगी की कोशिश विधायक विकास उपाध्याय के नाम पर की गई है। घटना की शिकायत विधायक उपाध्याय के निर्देश पर सरस्वती थाना में की गई है। दरअसल दीनदयाल उपाध्याय नगर में ऑनलाइन कैश ट्रांसफर एजेंसी चलाने वाले सचिन खत्री को अज्ञात व्यक्ति ने विधायक विकास उपाध्याय के निज सचिव के नाम पर कॉल किया। उस व्यक्ति ने ट्यूशन फीस के नाम पर मदद करने के लिए सचिन खत्री को ऑनलाइन कैश ट्रांसफर करने कहा।





अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज





ठग की साजिश को सचिन खत्री 9(Online fraud in Chhattisgarh) ने भांप लिया। जागरुकता से अंतत: साजिश नाकाम रही। इससे एक और आम नागरिक ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बच गया। इस घटना को संज्ञान में लेते हुए विधायक विकास उपाध्याय ने अपने प्रतिनिधियों को संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराने के निर्देश दिए। इस पर विधायक प्रतिनिधि शिव श्याम शुक्ला, संदीप तिवारी और वेद प्रकाश कुशवाहा ने सरस्वती नगर थाने में विधायक के नाम का दुरुपयोग करने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।





कांग्रेस विधायक अरुण वोरा के नाम पर भी ठगी





वहीं ठगी की दूसरी वारदात दुर्ग से कांग्रेस विधायक अरुण वोरा के नाम से की गई। दुर्ग के प्रज्ञा च्वॉइस एवं लोक सेवा केंद्र के संचालक सुशील राजपूत से ठगी का प्रयास किया गया। यहां अनजान शख्स ने कॉल कर विधायक के नाम पर मुंबई में पैसे ट्रांसफर करने की बात कही। सेंटर संचालक ने दुर्ग कोतवाली में की इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई है। वहीं इस घटना के बाद विधायक ने लोगों से उनके नाम से आने वाले अनजान कॉल से सतर्क रहने की अपील भी की।





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इसके साथ ही ठगी ती तीसरी कोशिश मंत्री शिवकुमार डहरिया के नाम से की गई। बैंक मित्र से मंत्री के नाम से पैसे ट्रांसफर करवाने का प्रयास किया गया। आरंग थाना में अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।





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हालांकि अगर तीनों केसों को मिलाकर देखें तो ऐसा कहा जा सकता है तीनों मंत्रियों के नाम से ठगने वाला ग्रुप एक ही है। जो मंत्रियों का पीए बनकर लोगों को चूना लगाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन गनीमत रही है कि ये ठग अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो पाए हैं।


PF की रकम दिलाने के नाम पर बुजुर्ग से लाखों की ठगी

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छत्तीसगढ़ में दूसरे गंभीर अपराधों के साथ ही साइबर अपराध (Cyber Crime in Raipur) के मामले भी रोजाना बढ़ते जा रहे है। शातिर बदमाश अलग-अलग तरीके से ठगी (fraud) के वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इस बार इन शातिर बदमाशों ने एक बुजुर्ग से लाखों की ठगी की है।





ट्रांजेक्शन फेल होने पर न करें ये गलती, पड़ सकता है भारी





दरअसल शातिर ठगों ने राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी थाना क्षेत्र के एक बुजुर्ग से 2 लाख 58 हजार रुपये ठग (Cyber Crime in Raipur) लिए हैं। पुलिस ने बुजुर्ग की शिकायत पर केस दर्ज करते हुए साइबर सेल की मदद से ठगों की तलाश शुरू कर दी है।





स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में काम कर रहे बुजुर्ग से ठगी (Cyber Crime in Raipur)





पुलिस के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मुख्य पद पर काम कर रहे बुजुर्ग 2 लाख 58 हजार रुपये की ठगी का शिकार हो गए है। ठग ने खुद को बीमा कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी बताकर बुजुर्ग को कॉल किया था। ठग ने उन्हें 13 लाख के आस-पास की PF भुगतान किए जाने की बात कही थी। इतनी बड़ी रकम सुनकर बुजुर्ग उसके झांसे में आ गए, जिसके बाद अलग-अलग नाम और पद का हवाला देकर ठग बुजुर्ग से बात करने लगे।





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ठगों ने पहले बुजुर्ग का भरोसा जीता उसके बाद कभी ट्रांजेक्शन तो कभी टैक्स के नाम पर बुजुर्ग से उनके खाते की डिटेल और पैन नंबर ले लिए। कई किस्तों में ठगों ने बुजुर्ग के खाते से 2 लाख 58 हजार रुपये की रकम अपने खाते में जमा करा ली। फिर भी बुजुर्ग को PF की रकम नहीं मिली। इतना सब होने के बाद बुजुर्ग को ठगी का एहसास हुआ और उसने इसकी शिकायत गुढ़ियारी थाने में दर्ज कराई।





ऑनलाइन ठगी (Cyber Crime in Raipur) होने पर सबसे पहले करे ये काम





अगर किसी भी व्यक्ति के साथ बैंकिंग और एटीएम जैसी ठगी (fraud) हुई है, तो तत्काल उसे अपने बैंक में इस बात की सूचना देनी चाहिए और अपना अकाउंट बंद या फ्रीज करा देना चाहिए। बैंकिंग फ्रॉड या एटीएम फ्रॉड में लोग आरबीआई के ऑनलाइन साइट में जाकर एक कंप्लेंट रजिस्टर करा देना चाहिए। साथ ही इसकी सूचना साइबर सेल के ऑफिस में जाकर दें। साइबर सेल की टीम आसानी से ठगों की लोकेशन का पता लगा सकती है और आपके अकाउंट में पड़े पैसे को होल्ड कर देती है।





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साइबर सुरक्षा के लिए क्या करें और क्या न करें






क्या करें-





  • अपना पासवर्ड किसी को न बताएं।
  • पासवर्ड को अक्षरांकीय में रखें अक्षरों/संख्याओं के साथ स्पेशल कैरेक्टर के कॉम्बिनेशन में बनाएं।
  • सोशल मीडिया के लिए बैंकिंग से अलग मोबाइल नंबर का प्रयोग करें।
  • अपने डिजिटल खातों में सिक्योरिटी प्रश्न,मोबाइल नंबर, एसएमएस अलर्ट, ऑल्टरनेट मेल आईडी अवश्य अंकित करें।
  • अलग-अलग एकाउंट के पासवर्ड अलग-अलग रखें।
  • सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल करते समय प्राइवेसी/सिक्योरिटी सेटिंग का इस्तेमाल जरूर करें और उपयोग के मुताबिक प्राइवेसी सेटिंग्स हाई रखें।
  • उपयोग नहीं होने वाले सोशल मीडिया एकाउंट को डिलीट कर दें।





क्या न करें-





  • अलग-अलग एकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड इस्तेमाल न करें।
  • परिवार की महिलाओं का फोटो,मोबाइल नंबर,ईमेल आईडी, जन्मतिथि, घर से बाहर रहने के लोकेशन भी सोशल मीडिया पर न डालें, साथ ही बैंकिंग डिटेल्स सार्वजनिक पोस्ट न करे।
  • अपना पासवर्ड किसी को न बताएं।
  • अपने प्राईवेट फोटो किसी के मांगने पर शेयर न करें।
  • किसी भी अनजान व्यक्ति लड़का या लड़की/पुरुष या महिला से दोस्ती न करें और न ही स्वयं किसी को गलत मैसेज भेजें।

ट्रांजेक्शन फेल होने पर न करें ये गलती, पड़ सकता है भारी

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छत्तीसगढ़ में दूसरे गंभीर अपराधों के साथ ही साइबर अपराध (Cyber crime in Chhattisgarh) के मामले भी रोजाना बढ़ते जा रहे है। शातिर बदमाश अलग-अलग तरीके से ठगी (fraud) के वारदात को अंजाम दे रहे हैं। आजकल ज्यादातर शॉपिंग में ट्रांजैक्शन ऑनलाइन के माध्यम से कर रहे हैं। इस वजह से ऑनलाइन ठगी (Online fraud) जैसे अपराधिक मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लोग कई तरह से ठगी का शिकार होते हैं जैसे ऑथेंटिक साइट लोग चेक नहीं करते हैं या कस्टमर केयर का नंबर गूगल से निकालकर डायल करते हैं। इस तरह की छोटी-छोटी गलतियों के कारण वे ठगी का शिकार हो जाते हैं।





atm fraud
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बता दें कि 17 दिसंबर को तेलीबांधा थाना क्षेत्र में एक साइबर ठगी (Online fraud) का अपराध दर्ज किया गया, जिसमें सीआरपीएफ में पदस्थ एक ASI के साथ 81 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी (Online fraud) हुई थी। दरअसल ASI छुट्टी पर अपने गांव राजस्थान जा रहा था। रास्ते में उसने अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाया। इस दौरान उसने अपने कार्ड से 2900 का ट्रांजेक्शन किया। पैसा कट जाने के बाद ट्रांजेक्शन फेल आया। दूसरी बार भी 2900 का ट्रांजेक्शन सीआरपीएफ के जवान ने किया, लेकिन इस बार भी ट्रांजेक्शन फेल बताया गया। किसी तरह जवान ने दूसरे से पैसे मांग कर पेट्रोल पंप वाले को दिया।









जवान इस तरह हुए ठगी के शिकार





पेट्रोल पंप में दो बार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के बाद भी जब ट्रांजेक्शन फेल बताया गया और पैसे एकाउंट से कटे तो परेशान जवान ने गूगल सर्च इंजन पर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढा और फोन लगाया। फोन एक युवक ने रिसीव किया। जिसके बाद शुरू हुआ ठगी का खेल। परेशान ASI ने अपनी शिकायत युवक को बताई। युवक ने ऑनलाइन पैसा वापस करने का झांसा दिया और धीरे-धीरे उसके अकाउंट में पड़े 81000 रुपये ठग ( fraud) लिए।









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पुलिस ने बताया कि 17 दिसंबर को पीड़ित ने गूगल पर नंबर सर्च कर कस्टमर केयर (Customer Care) पर फोन लगाया। ठग ने उन्हें 24 घंटे में पैसा वापस करने का झांसा दिया और जानकारी देने के बाद ओटीपी नंबर पूछा। एएसआई ने अपना ओटीपी नंबर शेयर किया। इसके बाद उसके खाते से अलग-अलग किस्तों में 81000 रुपए कट गए। संपर्क करने पर शातिर ठग पैसा वापस दिलाने का भरोसा देता रहा और फोन काट दिया। ASI ने दोबारा उसे कॉल लगाया, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका। पीड़ित ने तेलीबांधा थाने में इसकी शिकायत की। साइबर सेल की टीम ने ASI के नंबर को ब्लॉक कर दिया।









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कई बार ऐसा देखा गया है कि किसी को ऑनलाइन शिकायत करनी रहती है या किसी प्रकार की शिकायत करनी रहती है तो गूगल पर कस्टमर केयर (Customer Care) का नंबर सर्च करते हैं और यही आदत साइबर अपराधियों को पता होती है। इसीलिए साइबर अपराधी (Cyber ​​criminal) ऐसा लिंक बनाते हैं जहां से साइबर अपराधियों (Cyber ​​criminals) के नंबर रजिस्टर रहते हैं। कस्टमर केयर के नाम से वे कई बार लोगों को फोन करते हैं और अपने आप को कस्टमर केयर (Customer Care) ऑफिसर या बैंक के अधिकारी बताकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं।





साइबर एक्सपर्ट (Cyber ​​expert) ने दी जानकारी





साइबर एक्सपर्ट (Cyber ​​expert) ने बताया कि वे काफी ट्रेन्ड ठग होते है। उन्हें पहले से ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें कंप्यूटर का सारा नॉलेज होता है। जैसे ही कोई उन्हें फोन करता है वे संबंधित की पूरी डिटेल निकाल लेते है। जैसे कहां के रहने वाले है, कौन सा नंबर इस्तेमाल करते हैं। ये ठग लोगों को लिंक डाउनलोड करने या एप्लीकेशन डाउनलोड करने का झांसा देते हैं और ठगी का शिकार बनाते हैं।





कस्टमर केयर के नाम से हो रहे ठगी





जिस एप्लीकेशन से शॉपिंग करें, उस एप्लीकेशन में कस्टमर केयर के नंबर पर कॉल करके बात करें।एप्लीकेशन में कस्टमर केयर का नंबर नहीं मिलने पर चैट करने का भी ऑप्शन रहता है। उस पर क्लिक करने पर एप्लीकेशन से जुड़े लोगों से बात कर समस्या का हल किया जा सकता है। किसी भी एप्लीकेशन में ईमेल एड्रेस के थ्रू भी जुड़ा जा सकता हैं।





अगर करते है ऑनलाइन शॉपिंग तो इन बातों का रखे ख्याल





एक तरफ केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को पूरी तरह कैशलैस बनाने पर जोर दे रही है, दूसरी तरफ साइबर अपराध लोगों की टेंशन बढ़ा रहा है। आज के समय में पान वाले से लेकर बड़े व्यापारी तक सभी के पास ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था होती है। इस ऑनलाइन के जमाने में पूरा बाजार एक क्लिक में उपलब्ध हो जाता है। ऑनलाइन शॉपिंग कोरोना काल में लोगों ने जोरो-शोरों से की है। एक तरफ इसके फायदे हैं तो कही नुकसान भी,इस तरह के ऑनलाइन (Online transaction fraud) प्लेटफार्म को कुछ ठगों ने अपना ऑनलाइन ठगी अड्डा बना लिया है।









ऑनलाइन ठगी होने पर सबसे पहले करे ये काम





अगर किसी भी व्यक्ति के साथ बैंकिंग और एटीएम जैसी ठगी (fraud) हुई है, तो तत्काल उसे अपने बैंक में इस बात की सूचना देनी चाहिए और अपना अकाउंट बंद या फ्रीज करा देना चाहिए। बैंकिंग फ्रॉड या एटीएम फ्रॉड में लोग आरबीआई के ऑनलाइन साइट में जाकर एक कंप्लेंट रजिस्टर करा देना चाहिए। साथ ही इसकी सूचना साइबर सेल के ऑफिस में जाकर दें। साइबर सेल की टीम आसानी से ठगों की लोकेशन का पता लगा सकती है और आपके अकाउंट में पड़े पैसे को होल्ड कर देती है।





साइबर सुरक्षा के लिए क्या करें और क्या न करें





क्या करें:-





  • अपना पासवर्ड किसी को न बताएं।
  • पासवर्ड को अक्षरांकीय में रखें अक्षरों/संख्याओं के साथ स्पेशल कैरेक्टर के कॉम्बिनेशन में बनाएं।
  • सोशल मीडिया के लिए बैंकिंग से अलग मोबाइल नंबर का प्रयोग करें।
  • अपने डिजिटल खातों में सिक्योरिटी प्रश्न,मोबाइल नंबर, एसएमएस अलर्ट, ऑल्टरनेट मेल आईडी अवश्य अंकित करें।
  • अलग-अलग एकाउंट के पासवर्ड अलग-अलग रखें।
  • सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल करते समय प्राइवेसी/सिक्योरिटी सेटिंग का इस्तेमाल जरूर करें और उपयोग के मुताबिक प्राइवेसी सेटिंग्स हाई रखें।
  • उपयोग नहीं होने वाले सोशल मीडिया एकाउंट को डिलीट कर दें।




क्या न करें:-





  • अलग-अलग एकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड इस्तेमाल न करें।
  • परिवार की महिलाओं का फोटो,मोबाइल नंबर,ईमेल आईडी, जन्मतिथि, घर से बाहर रहने के लोकेशन भी सोशल मीडिया पर न डालें, साथ ही बैंकिंग डिटेल्स सार्वजनिक पोस्ट न करे।
  • अपना पासवर्ड किसी को न बताएं।
  • अपने प्राईवेट फोटो किसी के मांगने पर शेयर न करें।
  • किसी भी अनजान व्यक्ति लड़का या लड़की/पुरुष या महिला से दोस्ती न करें और न ही स्वयं किसी को गलत मैसेज भेजें।





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