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छत्तीसगढ़ और ओडिशा में है पर्यटन की अपार संभावनाएं : वनमंत्री कश्यप

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रायपुर। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा को भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से अकुत खनिज संपदा और प्राकृतिक सौन्दर्य का उपहार मिला है। दोनों ही राज्यों में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप दोनों ही राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। वनमंत्री कश्यप आज आज ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम चलो देखें अपना देशटूरिज्म कॉन्क्लेव को सम्बोधित कर रहे थे।

वनमंत्री कश्यप ने कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक रिश्तों को भी रेखांकित करते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्य प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है। दोनों ही राज्यों में अनेक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल हैं और दोनों राज्यों के बीच रोटी-बेटीका रिश्ता है। कश्यप ने कहा कि जगन्नाथपुरी में वर्षो से बस्तर बाड़ा है। जहां छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए आते है और वहां ठहरते है। उन्होंने कहा कि देश में बहुत से आकर्षक पर्यटन स्थल हैं। 

इन क्षेत्रों में दोनों की राज्यों में पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने का काम किया जा रहा है। ओडिशा में देश का सबसे खूबसूरत समुद्र तट है, तो छत्तीसगढ़ में बस्तर का दशहरा विश्व प्रसिद्ध है। इन दोनों ही राज्यों के पर्यटन प्रेमी इन स्थानों पर आकर पर्यटन का आनंद ले सकते हैं। गौरतलब है कि यह कार्यक्रम ओडिशा में पर्यटन को प्रोत्साहित करने और स्थानीय स्थलों के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में ओडिशा की उपमुख्यमंत्री श्रीमती प्रावति परिदा, विधायक पुरंदर मिश्रा, पद्मश्री उत्सव चरण दास और जे.के. मोहंती सहित ओडिशा राज्य के पर्यटन विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पुरी में भगवान जगन्नाथ की चंदन यात्रा के दौरान पटाखों में हुआ विस्फोट, 15 लोग झुलसे, 4 की हालत गंभीर

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  ओडिशा के जगन्नाथ पुरी से हादसे की दुखद खबर सामने आ रही है। बुधवार की रात भगवान जगन्नाथ के चंदन यात्रा उत्सव के दौरान धमाके की खबर है। जानकारी के मुताबिक, चंदन यात्रा उत्सव के दौरान पटाखों के ढेर में विस्फोट हो गया जिसमें करीब 15 लोग बुरी तरह से झुलस गए। घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाया गया है। बताया गया है कि इनमें से 4 लोगों की हालत गंभीर है। आइए जानते हैं कैसे हुआ ये पूरा हादसा।


पुलिस ने इस घटना को लेकर बताया है कि हादसे के वक्त सैकड़ों लोग चंदन यात्रा उत्सव को देखने के लिए नरेन्द्र पुष्करिणी सरोवर के तट पर एकत्र हुए थे। इस दौरान श्रद्धालुओं का एक समूह आतिशबाजी कर रहा रहा था। तभी एक चिंगारी पटाखों के ढेर पर गिर गई जिससे धमाका हो गया। जलते हुए पटाखे लोगों पर गिरने लगे जिस कारण कई लोग खुद को बचाने के लिए जलाशय में कूद गए।

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने इस हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि पुरी की इस दुर्घटना के बारे में सुनकर दुख हुआ। मुख्य प्रशासनिक सचिव और जिला प्रशासन को घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करने और व्यवस्था की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इलाज का खर्च मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस घटना पर ट्वीट किया और कहा कि पुरी चंदन यात्रा के दौरान नरेंद्र पुष्करिणी देवीघाट पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर सुनकर दुखी हूं। भगवान से मेरी कामना है कि जो लोग इलाज करवा रहे हैं वह जल्द से जल्द ही ठीक होकर घर लौटेंगे।

बस्तर का गोंचा महापर्व छत्तीसगढ़ का गौरव: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से बस्तर जिले के जगदलपुर स्थित सिरहासार भवन में आयोजित बस्तर गोंचा महापर्वऔर भगवान जगन्नाथ की आरती एवं 56 भोग कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने भगवान जगन्नाथ से प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की और सभी को गोंचा महापर्व की शुभकामनाएं दीं। गौरतलब है कि बस्तर में यह महापर्व 04 जून से 28 जून 2023 तक आयोजित हो रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोंचा पर्व के मौके पर सम्बोधित करते हुए कहा कि गोंचा पर्व छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करने वाला महापर्व है। बस्तर का दशहरा और गोंचा पर्व बहुत ही अनूठा है, जो विभिन्न संस्कृतियों के संगम का अनुपम उदाहरण है और इन पर्वों से बस्तर और छत्तीसगढ़ को जाना जाता है। उन्होंने कहा कि बस्तर का बहुत समृद्ध इतिहास है और यहां की संस्कृति की छटा बड़ी ही निराली है। बस्तर को, और बस्तर की संस्कृति को तभी अच्छी तरह समझा जा सकता है, जब बस्तर के साथ-साथ जिया जाए। उन्होंने कहा कि बस्तर आकर ही यहां की संस्कृति को समझा जा सकता है और इसका आनंद लिया जा सकता है।

गोंचा पर्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बस्तर के हजारों रंगों में से एक रंग गोंचा-महापर्व का भी है। यह आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तो है ही, यह बस्तर के सांस्कृतिक विकास को जानने-समझने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोंचा महापर्व का इतिहास 616 वर्षों से भी पुराना है। यह 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के बस्तर आने के इतिहास से जुड़ा हुआ है। ओडिशा का गुड़िंचा पर्व बस्तर में आकर गोंचा पर्व हो गया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारे देव, हमारी देवगुड़ियां, हमारी मातागुड़ियां केवल आध्यात्मिक महत्व के स्थान नहीं है। ये स्थान हमारे मूल्यों से जुड़े हुए हैं।

इसीलिए हमारी सरकार इन स्थानों को सहेजने और संवारने का काम कर रही है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के माध्यम से हम उत्तर से लेकर दक्षिण तक भगवान राम के वनवास से जुड़े स्थलों को चिन्हित करके उन्हें पर्यटन तीर्थों के रूप में विकसित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश के गांव-गांव में स्थानीय तीज-त्यौहार अलग-अलग अंदाज में मनाए जाते हैं। तरह-तरह की परंपराएं हैं। इन सभी को जिंदा रखना जरूरी है। आदिवासी परब सम्मान निधि योजना और छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना की शुरुआत इसी उद्देश्य से की गई है। इस योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को हर साल 10 हजार रुपए दिए जाने का भी प्रावधान किया है। हमारे पुरखों ने हम तक तीज-त्यौहारों के माध्यम से अपनी शिक्षा और संस्कारों को पहुंचाया है।

हमने तीजा-पोला, हरेली, छेरछेरा, कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस और छठ पर्व पर सार्वजनिक अवकाश इसीलिए शुरू किए हैं, ताकि नयी पीढ़ी भी अपनी संस्कृति से अच्छी तरह परिचित हो पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति और परंपराओं से पूरी दुनिया को अवगत कराने के लिए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की शुरुआत की गई है। अपनी खेल संस्कृति को बचाए रखने के लिए हमने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन की शुरुआत की है। हाल ही में हमने रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया। इसमें विदेशों की रामलीला मंडलियों ने भी भाग लिया।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव शर्मा, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम सभापति श्रीमती कविता साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण, 360 आरण्यक ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य, गोंचा आयोजन समिति के सदस्य सहित नागरिकगण उपस्थित थे।

सामाजिक भवन के लिए पट्टे का वितरण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की वर्चुअल उपस्थित में 04 समाज के प्रतिनिधियों को भेंट-मुलाकात के दौरान की गई घोषणा के अनुरूप सामाजिक भवन हेतु भूमि आबंटन का पट्टा वितरित किया गया। चडार बुनकर समाज, मां छिंदवाली महाकाली सेवा समिति, भुंजवा वैश्य समाज और क्षत्रिय महासभा समाज को भूमि का पट्टा प्रदान किया गया। इस दौरान समाज प्रमुखों ने पट्टा दिए जाने के साथ ही आरण्यक ब्राह्मण समाज ने सामाजिक भवन निर्माण हेतु 50 लाख रुपए प्रदान करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया।

Chhattisgarh में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान हादसा, युवक की हुई मौत

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राजिम : रथयात्रा के अवसर पर मंगलवार शाम को नवापारा शहर में विभिन्न मंदिरों से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई। इसी कड़ी में नगर के साईं मंदिर की रथ यात्रा नगर भ्रमण के लिए निकली। साईं मंदिर का रथ यात्रा पूरी कर वापस लौट रहा था। इसी दौरान नवापारा रिलायंस पेट्रोल पंप के पास रथ अनियंत्रित हो गया और उसका गुंबज टूट गया।


टूटा हुआ गुंबज रथ के पीछे चल रहे युवक मोहित पर जा गिरा जिसमे वह गंभीर रूप से घायल हो गया । युवक को तत्काल प्रभाव से नगर के सामुदायिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया।

मिली जानकारी अनुसार छांटा निवासी यह युवक रथ यात्रा देखने अपने रिश्तेदार के यह नवापारा आया हुआ था। मौके पर पहुंची नवापारा थाने की पुलिस टीम मामले की जांच में जुट गई। युवक की शिनाख्त कर शव को मर्चुरी में रखवा दिया गया है।


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