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आज से संसद का शीतकालीन सत्र, SIR पर हंगामे के आसार, कई अहम विधेयक होंगे पेश

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नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र की शुरुआत से पहले ही इसका हंगामेदार होने के संकेत मिल चुके हैं। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने स्पष्ट कहा है कि वे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा की मांग करेंगे। कई विपक्षी दलों ने चेतावनी दी है कि यदि SIR पर चर्चा नहीं हुई तो सदन में गतिरोध हो सकता है।


सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार चाहती है कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और वह विपक्ष के साथ संवाद बनाए रखेगी। रिजिजू ने कहा, “यह शीतकालीन सत्र है, सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए।” उन्होंने यह भी आग्रह किया कि विपक्ष संसद चलाने में सहयोग करे।

विपक्ष की मांगें

सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों ने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की:

  • SIR

  • राष्ट्रीय सुरक्षा (दिल्ली विस्फोट की पृष्ठभूमि में)

  • वायु प्रदूषण

  • किसानों की स्थिति

  • महंगाई व बेरोजगारी

  • विदेश नीति

बैठक में 36 दलों के 50 नेता शामिल हुए। सरकार की ओर से राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू और अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहे।


इन प्रमुख विधेयकों पर रहेगी नज़र

शीतकालीन सत्र (1-19 दिसंबर) में सरकार कुल 9 आर्थिक विधेयकों को सूचीबद्ध कर चुकी है। इनमें—

  • बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2025
    – बीमा क्षेत्र में FDI सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव

  • केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक 2025

  • स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक 2025
    तंबाकू और पान मसाला पर नए उपकर का प्रावधान
    – GST क्षतिपूर्ति सेस की जगह लेगा

  • प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025
    – व्यापार में सुगमता और एकीकृत बाजार को प्रोत्साहन

  • दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक 2025

  • जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025

  • राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक 2025

  • मणिपुर GST (दूसरा संशोधन) विधेयक 2025

सरकार सत्र के दौरान वित्त वर्ष 2025-26 की अनुपूरक अनुदान मांगें भी पेश करेगी।

तंबाकू और पान मसाला पर नया टैक्स प्रस्ताव

वर्तमान में इन पर 28% GST + मुआवजा उपकर लागू है।
उपकर 2026 तक जारी है ताकि कोविड काल में राज्यों को दिए गए लोन की भरपाई हो सके।
नया बिल पास होने पर ये वस्तुएं महंगी होने की संभावना है।


अंतिम बात

सत्र की शुरुआत से पहले ही सरकार—विपक्ष के बीच टकराव के संकेत मिल रहे हैं। अब यह देखना अहम होगा कि SIR पर चर्चा होती है या सदन में गतिरोध पैदा होता है।

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