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ISRO की एक और सफलता: चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने जुटाया चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों का उन्नत डेटा

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 नई दिल्ली। छह साल पहले प्रक्षेपित किए गए भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) से एक और बड़ी सफलता मिली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को बताया कि उसने चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों की गहराई से समझ विकसित करने के लिए मिशन के ‘ऑर्बिटर’ से उच्च गुणवत्ता वाला और उन्नत वैज्ञानिक डेटा एकत्र किया है।



इस डेटा में चंद्रमा की सतह के भौतिक और परावैद्युत (dielectric) गुणों से संबंधित कई पैमाने शामिल हैं। इसरो ने कहा कि यह उपलब्धि भविष्य में चंद्रमा के अध्ययन और अन्वेषण अभियानों के लिए भारत का एक प्रमुख योगदान है।

2019 से सक्रिय है चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर

इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर वर्ष 2019 से चंद्रमा की कक्षा में लगातार सक्रिय है और अब भी उच्च गुणवत्ता वाला डेटा भेज रहा है। इस पर लगा पेलोड ‘डुअल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार (DFSAR)’ चंद्रमा का एल-बैंड में पूर्ण-ध्रुवमितीय मोड में मानचित्रण करने वाला दुनिया का पहला उपकरण है। इसने अब तक चंद्र सतह का 25 मीटर प्रति पिक्सेल के उच्चतम रिजॉल्यूशन पर मानचित्र तैयार किया है।

1,400 से अधिक रडार डेटा सेट एकत्र

इसरो ने बताया कि अब तक चंद्रमा के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्रों (80° से 90° अक्षांश के बीच) का अध्ययन करने के लिए लगभग 1,400 रडार डेटासेट एकत्र और संसाधित किए जा चुके हैं। अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) के वैज्ञानिकों ने इन डेटा का उपयोग करते हुए चंद्रमा पर पानी-बर्फ की संभावित उपस्थिति, सतह के खुरदरेपन और परावैद्युत स्थिरांक से जुड़े उन्नत एल्गॉरिदम विकसित किए हैं।

‘परावैद्युत स्थिरांक’ चंद्र सतह के घनत्व और सरंध्रता (porosity) जैसे गुणों को बताने वाला एक महत्वपूर्ण विद्युत पैरामीटर है।

स्वदेशी एल्गॉरिदम से बनी नई वैज्ञानिक उपलब्धि

इसरो ने कहा कि पूर्ण-ध्रुवमितीय डेटा के विश्लेषण के लिए एल्गॉरिदम पूरी तरह स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं। ये एल्गॉरिदम चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों की सतह और उपसतह से संबंधित प्रथम-स्तरीय वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करते हैं।

एजेंसी के अनुसार, ध्रुवीय क्षेत्रों में सौरमंडल की प्रारंभिक रासायनिक संरचना संरक्षित रहने की संभावना है। इस वजह से यह अध्ययन ग्रहों के विकास और जल-बर्फ की मौजूदगी जैसे पहलुओं को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वैज्ञानिकों के लिए डेटा अब सार्वजनिक

इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से प्राप्त उन्नत डेटा के आधार पर तैयार ध्रुवीय मानचित्र एल्गॉरिदम (Level 3C) अब उपयोगकर्ताओं के लिए जारी कर दिए गए हैं। यह डेटा भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान डेटा केंद्र (ISSDC) की प्रदान वेबसाइट पर मुफ्त में उपलब्ध है।

इसरो के अनुसार, यह उपलब्धि भविष्य के चंद्र अभियानों के लिए एक वैज्ञानिक आधार तैयार करेगी, जिससे भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमता और भी सुदृढ़ होगी।

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