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इथियोपिया में 12 हजार साल बाद हेली गुब्बी ज्वालामुखी फटा, राख का गुबार भारत पहुंचा , कई उड़ानें रद्द

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 Hayli Gubbi volcano : इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हेली गुब्बी ज्वालामुखी रविवार को लगभग 12 हजार साल बाद अचानक फट गया। इस शक्तिशाली विस्फोट से निकली राख और सल्फर डाइऑक्साइड करीब 15 किमी (45,000 फीट) की ऊंचाई तक पहुंच गई। तेज़ हवाओं के कारण यह गुबार लाल सागर पार करता हुआ यमन और ओमान तक फैल गया।


एयरलाइंस अलर्ट: इंडिगो, एयर इंडिया और अकासा ने बढ़ाई निगरानी

इंडिगो, एयर इंडिया और अकासा एयर समेत कई एयरलाइंस ने ज्वालामुखी की राख को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। इंडिगो ने X पर लिखा—
“इथियोपिया में हेली गुब्बी ज्वालामुखी फटने के बाद राख के बादल पश्चिमी भारत की ओर बढ़ रहे हैं। हम समझते हैं कि यह खबर चिंता बढ़ा सकती है, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारी टीमें अंतरराष्ट्रीय उड्डयन संस्थाओं के साथ लगातार हालात पर नजर रख रही हैं।”

रात 11 बजे दिल्ली के आसमान पर छाई राख

सोमवार रात करीब 11 बजे यह राख इथियोपिया से लगभग 4,300 किमी दूर दिल्ली तक पहुंच गई। इंडिया मेट स्काई वेदर अलर्ट के अनुसार गुबार की पहली एंट्री जोधपुर–जैसलमेर क्षेत्र से हुई, जिसके बाद यह उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ते हुए राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के ऊपर फैल गया। इसका हल्का असर गुजरात के हिस्सों पर भी हो सकता है।
रात में पंजाब, पश्चिमी यूपी के पहाड़ी इलाकों और हिमाचल पर भी इसके प्रभाव की आशंका जताई गई है। कई एयरलाइंस ने एहतियात के तौर पर कुछ उड़ानें रद्द कर दी हैं।

आम लोगों पर असर कम, लेकिन हल्की राख गिरने की संभावना

एक्सपर्ट्स का कहना है कि राख का स्तर काफी ऊंचाई पर है, इसलिए आम जनता पर इसका सीधा खतरा बहुत कम है। हालांकि कुछ जगहों पर हल्की राख गिरने की संभावना बनी हुई है।
IMD के अनुसार राख का यह गुबार मंगलवार शाम 7:30 बजे तक भारत से हटकर चीन की ओर बढ़ जाएगा।

ज्वालामुखी का कोई रिकॉर्ड नहीं—इतना पुराना था कि इतिहास भी खामोश

हेली गुब्बी ज्वालामुखी बेहद पुराना और शांत माना जाता था। इसके किसी पहले विस्फोट का दर्ज रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। हालांकि इस घटना से किसी तरह की जनहानि की खबर नहीं है।
यमन और ओमान की सरकारों ने नागरिकों—विशेषकर सांस की समस्याओं वाले लोगों—को सावधानी बरतने का आग्रह किया है।

एविएशन सेक्टर में सतर्कता: इंजन को बड़ा खतरा

राख के महीन कण विमान के इंजन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसी वजह से दिल्ली-जयपुर समेत कई रूटों पर फ्लाइट ऑपरेशन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इंटरनेशनल एविएशन प्रोटोकॉल्स के तहत सभी एयरलाइंस रूट बदलने और ऊंचाई समायोजन जैसे कदम उठा रही हैं।

अकासा एयर का बयान

अकासा एयर ने भी X पर लिखा—
“हम हेली गुब्बी ज्वालामुखी की गतिविधि पर नजर रख रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सलाह के आधार पर सभी जरूरी कदम उठाएंगे। यात्रियों की सुरक्षा और भलाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

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