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प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद में सफ़रान की अत्याधुनिक MRO सुविधा का उद्घाटन किया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे स्थित जीएमआर एयरोस्पेस एंड इंडस्ट्रियल पार्क–SEZ में तैयार सफ़रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (SAESI) सुविधा का उद्घाटन किया।

समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “आज से भारत का विमानन क्षेत्र नई उड़ान भर रहा है। सफ़रान की यह नई सुविधा भारत को एक वैश्विक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) हब के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।” उन्होंने कहा कि यह सुविधा उच्च-प्रौद्योगिकी वाले एयरोस्पेस सेक्टर में युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करेगी।

प्रधानमंत्री ने बताया कि 24 नवंबर को सफ़रान बोर्ड और प्रबंधन से उनकी मुलाकात हुई थी, और हर बार उन्होंने भारत के प्रति उनका भरोसा और उम्मीद देखी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सफ़रान द्वारा भारत में निवेश का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने सफ़रान टीम को इस नई सुविधा के लिए शुभकामनाएं दीं।

भारत का तीव्र गति से बढ़ता विमानन क्षेत्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत का विमानन क्षेत्र ऐतिहासिक गति से आगे बढ़ा है।

  • आज भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते घरेलू विमानन बाजारों में शामिल है।

  • घरेलू विमानन बाजार के मामले में भारत अब विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

  • भारतीय एयरलाइनों ने 1,500 से अधिक नए विमानों के ऑर्डर दिए हैं।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मांग बढ़ रही है, MRO सेवाओं की ज़रूरत भी तेज़ी से बढ़ी है। अभी तक देश के लगभग 85% MRO कार्य विदेशों में होते थे, जिससे लागत बढ़ती थी और विमान लंबे समय तक ग्राउंडेड रहते थे। प्रधानमंत्री ने बताया कि अब भारत को वैश्विक MRO हब बनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

सफ़रान की सुविधा का महत्व

प्रधानमंत्री ने बताया कि पहली बार कोई वैश्विक OEM भारत में डीप-लेवल सर्विसिंग सुविधा स्थापित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि—

  • सफ़रान का वैश्विक प्रशिक्षण,

  • तकनीकी ज्ञान हस्तांतरण,

  • और भारतीय संस्थानों से साझेदारी

आने वाले वर्षों में भारत के MRO इकोसिस्टम को नई गति देगा।

उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ एविएशन MRO तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि शिपिंग से जुड़े MRO इकोसिस्टम को भी विकसित कर रहा है।

“Design in India” को बढ़ावा

प्रधानमंत्री ने हर क्षेत्र में "Design in India" को प्रोत्साहित करने की बात कही।
उन्होंने सफ़रान से भारत में इंजन और कंपोनेंट डिज़ाइन की संभावनाओं को तलाशने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि भारत का विशाल MSME नेटवर्क और युवा प्रतिभा इसमें बड़ी भूमिका निभाएंगे।

भारत—विश्वसनीय साझेदार और उभरता विनिर्माण केंद्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत बड़े सपने भी देख रहा है, बड़े फैसले भी ले रहा है और उससे भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा:

“We are dreaming big, doing bigger and delivering best.”

उन्होंने बताया कि:

  • देश में 100% FDI अब अधिकांश क्षेत्रों में स्वत: मार्ग से संभव है,

  • रक्षा क्षेत्र में भी 74% FDI स्वत: मार्ग से स्वीकृत है,

  • स्पेस सेक्टर में भी बड़े सुधार किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि यह संदेश दुनिया के लिए स्पष्ट है—
“India welcomes investments, India welcomes innovation.”

सरकार के बड़े सुधार

प्रधानमंत्री ने बताया कि—

  • पिछले 11 वर्षों में 40,000 से अधिक compliances हटाए गए,

  • सैकड़ों बिजनेस से जुड़े अपराधों का डीक्रिमिनलाइज़ेशन किया गया,

  • National Single Window System ने कई मंजूरियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाया,

  • GST सुधार, faceless tax assessment, नए श्रम कानून, और IBC ने शासन को सरल और पारदर्शी बनाया।

उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए भारत न सिर्फ एक बड़ा बाजार है, बल्कि एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में उभर रहा है।

अंत में उन्होंने कहा:

“India is proving that betting on India is the smartest business decision of this decade.”

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और केंद्रीय मंत्री के. राम मोहन Naidu सहित कई विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

पृष्ठभूमि

SAESI, सफ़रान की LEAP इंजनों के लिए समर्पित MRO सुविधा है, जो एयरबस A320neo और बोइंग 737 MAX विमानों को शक्ति प्रदान करते हैं।

मुख्य बातें:

  • यह दुनिया की सबसे बड़ी विमान इंजन MRO सुविधाओं में से एक होगी।

  • पहली बार कोई वैश्विक इंजन OEM भारत में MRO सुविधा स्थापित कर रहा है।

  • सुविधा 45,000 वर्ग मीटर में फैली है।

  • लगभग ₹1,300 करोड़ के शुरुआती निवेश से विकसित।

  • प्रति वर्ष 300 LEAP इंजनों की सर्विसिंग क्षमता।

  • 2035 तक 1,000+ उच्च कौशल वाले तकनीशियन और इंजीनियर कार्यरत होंगे।

यह सुविधा विमानन क्षेत्र में "आत्मनिर्भर भारत" लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।
MRO क्षमताओं का स्वदेशीकरण विदेशी मुद्रा व्यय कम करेगा, रोजगार बढ़ाएगा और भारत को वैश्विक विमानन हब बनाने में मदद करेगा।


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