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राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन 2025 का शुभारंभ – सतत् शहरी विकास और सुशासन पर विचार-विमर्श

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नई दिल्ली, यशोभूमि-केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने आज नई दिल्ली के यशोभूमि में राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन (National Urban Conclave) 2025 का उद्घाटन किया।

यह दो दिवसीय सम्मेलन “सतत शहरी विकास और शासन” (Sustainable Urban Development and Governance) विषय पर केंद्रित है, जिसमें 2,500 से अधिक प्रतिभागी — नीति-निर्माता, शहरी योजनाकार, विशेषज्ञ और हितधारक — छह विषयगत क्षेत्रों में गहन विचार-विमर्श करेंगे।

‘विकसित भारत सिटी’ प्रदर्शनी का उद्घाटन

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने ‘विकसित भारत सिटी’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी भारत के एक विकसित, जीवंत, समावेशी, सतत और भविष्य-तैयार शहर की दृष्टि को साकार करती है। इसमें देश के विभिन्न शहरों में लागू की जा रही नवोन्मेषी शहरी योजनाएँ, स्मार्ट तकनीकें और नागरिक-केंद्रित अवसंरचना परियोजनाएँ प्रदर्शित की गई हैं।

देवाशीष धर का संबोधन

लोक नीति विशेषज्ञ देवाशीष धर ने भारत के शहरी अवसरों पर विचार साझा करते हुए कहा कि शहर समृद्धि के भौगोलिक इंजन हैं — जहाँ लोग विकास, अवसर और स्वतंत्रता की खोज में आते हैं। उन्होंने शहरों को “श्रम बाज़ार” बताया जो घनत्व और जाम (Agglomeration and Congestion) के बीच संतुलन से आकार लेते हैं, और इन्हें “DPI – Desired Public Infrastructure” (वांछित सार्वजनिक अवसंरचना) का मूल रूप कहा जिस पर समृद्धि आधारित है।

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला के विचार

मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला ने सतत शहरी विकास को साकार करने के लिए समन्वित शासन (Coordinated Governance) और संस्थागत सीख (Institutional Learning) के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन नगर नेतृत्वकर्ताओं और विशेषज्ञों को अपने अनुभव साझा करने और भारत के शहरी भविष्य के लिए संयुक्त समाधान तैयार करने का मूल्यवान अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने आगे कहा कि यह आयोजन साझा प्रयासों का प्रतिबिंब है, जिससे शहरों को अधिक सुलभ, सुरक्षित और टिकाऊ बनाया जा सके। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ‘टीम अर्बन फॉर विकसित भारत’ की शुरुआत की घोषणा की और राष्ट्र-निर्माण में सहयोग और साझा उत्तरदायित्व की शक्ति पर ज़ोर दिया।

यह सम्मेलन वार्षिक राष्ट्रीय शहरी संवाद की पहली कड़ी है, जो Urban Agenda 2047 की दिशा में ठोस कार्ययोजना और रास्ते तय करने का मंच बनेगा।

उद्घाटन सत्र में हुए प्रमुख शुभारंभ

1. डम्पसाइट रिमेडिएशन एक्सीलरेटर प्रोग्राम (DRAP)

मनोहर लाल ने डम्पसाइट रिमेडिएशन एक्सीलरेटर प्रोग्राम (DRAP) का शुभारंभ किया — यह एक वर्षभर चलने वाला मिशन मोड कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य देश के शहरी क्षेत्रों में शेष डम्पसाइट्स के तीव्र निस्तारण को बढ़ावा देना है। इसका लक्ष्य सितम्बर 2026 तक “लक्ष्य शून्य डम्पसाइट” (Lakshya Zero Dumpsites) प्राप्त करना है।

वर्तमान में 1,428 स्थल निस्तारण के अधीन हैं, जबकि 214 प्रमुख स्थलों में 80% पुराना अपशिष्ट केंद्रित है। DRAP इन उच्च-प्रभाव वाले स्थलों को प्राथमिकता देगा, जिनमें लगभग 8.8 करोड़ मीट्रिक टन कचरा है।

केंद्र सरकार प्रत्येक टन कचरे के निस्तारण पर ₹550 की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। अब तक, ₹10,228 करोड़ की परियोजनाओं के लिए ₹4,181 करोड़ की केंद्रीय सहायता 28 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 2,484 शहरी निकायों (ULBs) को दी जा चुकी है। अब तक 1,048 डम्पसाइट्स (25 करोड़ मीट्रिक टन कचरा) पूरी तरह निस्तारित हो चुके हैं और 7,580 एकड़ भूमि (50%) पुनः प्राप्त की गई है।

2. स्वच्छ भारत मिशन – नॉलेज मैनेजमेंट यूनिट (KMU)

मंत्री महोदय ने स्वच्छ भारत मिशन–ज्ञान प्रबंधन इकाई (Knowledge Management Unit) की भी शुरुआत की।
यह इकाई राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (NIUA) में स्थापित की गई है और यह क्षमता निर्माण, ज्ञान सृजन तथा संस्थागत सीख के लिए एक राष्ट्रीय मंच के रूप में कार्य करेगी।

3. अर्बन इनवेस्ट विंडो (UiWIN)

इस अवसर पर अर्बन इनवेस्ट विंडो (UiWIN) का शुभारंभ भी किया गया। यह HUDCO की एक पहल है जो MoHUA के मार्गदर्शन में कार्य करेगी।
UiWIN भारतीय शहरों के लिए एकल निवेश सुविधा मंच (One-stop Investment Facilitation Platform) के रूप में कार्य करेगा, जो निजी निवेश आकर्षित करने तथा विश्व बैंक, एडीबी जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से दीर्घकालिक व रियायती वित्तपोषण सुलभ कराने में मदद करेगा। यह मंच पीपीपी आधारित शहरी परियोजनाओं को भी बढ़ावा देगा।

4. “जल ही जननी” गीत का शुभारंभ

मनोहर लाल ने अमृत मिशन का एंथम “जल ही जननी” जारी किया, जो जल के महत्व और जल संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम है।

केंद्रीय मंत्री का संबोधन

अपने संबोधन में मनोहर लाल ने कहा कि भारत का शहरी परिवर्तन (Urban Transformation) सततता, समावेशन और नवाचार पर आधारित होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि DRAP, UiWIN और KMU जैसी पहलें भारत के शहरों को स्वच्छ, हरित और रहने योग्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी, जो विकसित भारत @2047 की दृष्टि के अनुरूप हैं।

उन्होंने बताया कि 2047 तक भारत की लगभग 50% आबादी शहरी क्षेत्रों में होगी, और इस चुनौती को पूरा करने के लिए केंद्र, राज्य, निजी क्षेत्र और नागरिकों को मिलकर कार्य करना होगा। भारत की शहरी अवसंरचना आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु निजी निवेश और साझेदारी (PPP) की अहम भूमिका होगी।

पहले दिन के सत्र

कॉन्क्लेव के पहले दिन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने चार ब्रेकआउट सत्रों में प्रमुख विषयों पर विचार साझा किए:

  1. क्षेत्रीय नियोजन, ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) और शहर गतिशीलता,

  2. जीविकोपार्जन अवसर एवं गरीबी उन्मूलन,

  3. निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट (C&D Waste) पर तकनीकी सत्र, और

  4. क्षमता निर्माण (Capacity Building) पर अंतिम सत्र।


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