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छत्तीसगढ़ राज्योत्सव रजत महोत्सव का भव्य समापन : उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया स्वागत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित राज्योत्सव रजत महोत्सव का आज नवा रायपुर में भव्य और गरिमामय समापन हुआ। समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्रीगण, सांसद, विधायक, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिकगण शामिल हुए।

नवा रायपुर का यह ऐतिहासिक समारोह छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की गौरवशाली विकास यात्रा, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बना। उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने अपने उद्बोधन की शुरुआत “जय जोहार, जय छत्तीसगढ़” के उद्घोष से की और “छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया” का नारा लगाकर सभागार में उत्साह भर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रजत जयंती महोत्सव का शुभारंभ किया और समापन मेरे कर-कमलों से हो रहा है, जो इस राज्य की निरंतर प्रगति और गौरव का प्रतीक है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1 नवंबर 2000 को भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की दूरदर्शी सोच से छत्तीसगढ़ का गठन हुआ, जिसने आज प्रशासनिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं लोकसभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पक्ष में मतदान किया था, इसलिए उनका इस राज्य से आत्मीय जुड़ाव है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने पारंपरिकता के साथ आधुनिकता को अपनाते हुए कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजधानी को “देश की पहली ग्रीन सिटी” बताते हुए कहा कि नवा रायपुर में आईटी हब, फार्मा हब, एआई डाटा सेंटर पार्क और मेडिसिटी का विकास राज्य की दूरदृष्टि का परिचायक है। साथ ही, सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में राज्य ने महत्वपूर्ण पहल की है।

राधाकृष्णन ने कहा कि आईएनएस विक्रांत में लगा इस्पात भिलाई स्टील प्लांट का है, जो छत्तीसगढ़ की औद्योगिक क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा तैयार “अंजोर डॉक्यूमेंट 2047” की सराहना करते हुए कहा कि यह दस्तावेज विकसित भारत के साथ विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है।

राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि रजत जयंती केवल उत्सव नहीं, बल्कि 25 वर्षों की यात्रा का मूल्यांकन और नए संकल्पों का अवसर है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने राज्य निर्माण के सूत्रधार स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी और योगदान देने वाले सभी पुरोधाओं को नमन किया।

राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की असली ताकत उसके किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं हैं। उन्होंने महतारी वंदन योजना और एक पेड़ मां के नाम अभियान जैसी पहलों की सराहना करते हुए कहा कि ये कार्यक्रम आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण के उदाहरण हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि रामलला के ननिहाल छत्तीसगढ़ में उपराष्ट्रपति जी का स्वागत केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की आत्मा की ओर से अभिनंदन है। उन्होंने कहा कि राज्योत्सव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक संदेश से और समापन उपराष्ट्रपति जी के आशीर्वचन से होना, छत्तीसगढ़ के गौरव की पराकाष्ठा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रजत महोत्सव ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, विकास और जनभागीदारी की अद्भुत झलक प्रस्तुत की है। भारतीय वायुसेना के सूर्यकिरण दल द्वारा प्रस्तुत एरियल शो ने समापन समारोह में देशभक्ति और ऊर्जा का संचार किया।

उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की गति से राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं, और महतारी वंदन योजना से माताओं-बहनों को अब तक 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के साथ विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य लेकर विज़न डॉक्यूमेंट के अनुसार योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है।

समारोह में राज्य अलंकरण पुरस्कार वितरण भी हुआ, जिसमें उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री साय ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नागरिकों और संस्थाओं को सम्मानित किया।

पुरस्कार विजेता विभाग एवं संस्थाएं:

शासकीय प्रदर्शनी श्रेणी: जल संसाधन विभाग (प्रथम), कृषि विभाग (द्वितीय), वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (तृतीय), स्कूल शिक्षा विभाग (सांत्वना)।

सार्वजनिक क्षेत्र श्रेणी: एनएमडीसी (प्रथम), साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (द्वितीय), सीआईडीसी (तृतीय), नाबार्ड (सांत्वना)।

विशेष पुरस्कार: शिल्पग्राम (ग्रामोद्योग विभाग)।

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