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बिलासपुर में बड़ा रेल हादसा : पैसेंजर और मालगाड़ी की टक्कर में चार की मौत, कई घायल

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बिलासपुर, छत्तीसगढ़-छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सोमवार की शाम एक दिल दहला देने वाला रेल हादसा हो गया। गेवरा से बिलासपुर आ रही मेमू पैसेंजर ट्रेन की टक्कर बिलासपुर से आ रही मालगाड़ी से हो गई। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि कई डिब्बे पटरी से उतर गए और पाँच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में कई यात्री घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल अस्पताल भेजा गया है। रेलवे ने हादसे की पुष्टि करते हुए राहत और बचाव कार्य तेज़ी से शुरू कर दिया है।

कैसे हुआ हादसा 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोमवार शाम करीब 4 बजे के आसपास यह हादसा बिलासपुर स्टेशन के पास लालखदान क्षेत्र में हुआ। बताया जा रहा है कि गेवरा से आ रही मेमू पैसेंजर ट्रेन (संख्या 68733) बिलासपुर की ओर बढ़ रही थी, जबकि मालगाड़ी उसी ट्रैक पर सामने से आ रही थी। किसी तकनीकी गड़बड़ी या मानवीय भूल के चलते दोनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ गईं और आमने-सामने टकरा गईं।

टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पैसेंजर ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के डिब्बों पर चढ़ गया। देखते ही देखते कई डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के बाद यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। घायल यात्री किसी तरह खुद को डिब्बों से बाहर निकालने की कोशिश करते रहे, जबकि आसपास के लोग और रेलवे कर्मचारी तत्काल मदद के लिए पहुंच गए।

 मौके पर अफरा-तफरी का माहौल 

हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आस-पास के ग्रामीण और राहगीर सबसे पहले मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। थोड़ी देर बाद रेलवे की टीमें, जीआरपी और आरपीएफ के जवान भी घटनास्थल पर पहुंच गए।

बिलासपुर से कई एंबुलेंसें घटनास्थल पर भेजी गईं और घायलों को तुरंत छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CIMS) सहित अन्य नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि कई यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है।

रेलवे अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव अभियान की निगरानी शुरू की। ट्रेन के डिब्बों में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए गैस कटर और क्रेन की मदद ली जा रही है।

रेलवे का बयान और प्राथमिक जानकारी

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ के अनुसार, “शाम करीब चार बजे गेवरा रोड-बिलासपुर रूट पर गतोरा और बिलासपुर स्टेशन के बीच यह टक्कर हुई है। यह क्षेत्र दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल के अंतर्गत आता है। जैसे ही घटना की सूचना मिली, तत्काल रेस्क्यू टीमें और मेडिकल सहायता घटनास्थल के लिए रवाना की गईं। सभी आवश्यक मदद यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही है।”

रेलवे ने हादसे की जांच के लिए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) को निर्देशित किया है। जांच दल यह पता लगाएगा कि यह हादसा किस वजह से हुआ — सिग्नलिंग सिस्टम की गड़बड़ी, मानव भूल या किसी तकनीकी खराबी के कारण।

 मृतक और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा 

रेल मंत्रालय ने हादसे में मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।

  • मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख
  • गंभीर रूप से घायल यात्रियों को ₹5 लाख
  • सामान्य रूप से घायल यात्रियों को ₹1 लाख
  • रेलवे ने कहा है कि घायलों का पूरा इलाज रेलवे की ओर से कराया जाएगा और परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।

रेलवे प्रशासन पूरी तरह सतर्क

रेल मंत्रालय ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि सुरक्षा मानकों की व्यापक समीक्षा की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

रेल मंत्री ने ट्वीट कर हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा कि “यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। स्थानीय प्रशासन और रेलवे की टीमें लगातार राहत कार्य में जुटी हैं।”

बिलासपुर मंडल के डीआरएम सहित वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर डटे हुए हैं और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। रेलवे ने बताया कि ट्रैक को जल्द से जल्द दुरुस्त करने और यातायात को बहाल करने का काम जारी है।

 प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी 

घटना स्थल पर मौजूद एक यात्री ने बताया,

“हम लोग गेवरा से बिलासपुर जा रहे थे। अचानक एक झटका लगा और ट्रेन रुक गई। अगले ही पल तेज़ आवाज़ हुई, जैसे किसी चीज़ से टकरा गई हो। चारों तरफ धुआँ और चीखें थीं। लोग डिब्बे के अंदर फंसे हुए थे। किसी तरह खिड़कियों से निकलकर बाहर आए।”

एक अन्य ग्रामीण ने कहा,

“जोरदार धमाका सुनाई दिया। हम खेतों में थे, तुरंत दौड़कर पहुंचे। कई लोग घायल थे, खून से लथपथ। हमने एंबुलेंस को बुलाया और जो बन पड़ा, मदद की।”

 घटनास्थल पर राहत और बचाव अभियान जारी 

शाम तक घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारी पूरी रात राहत कार्य में लगे रहे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंच चुकी हैं। घायल यात्रियों को अस्पतालों में भर्ती कर इलाज जारी है।

डॉक्टरों ने बताया कि अधिकांश यात्रियों को सिर, हाथ-पैर और पीठ में गंभीर चोटें आई हैं। कुछ को हड्डियां टूटने और फ्रैक्चर की शिकायत है। कई यात्रियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

 स्थानीय लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ 

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने भी राहत कार्य में बड़ा योगदान दिया। कई लोगों ने अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल तक पहुँचाया। आसपास के युवाओं ने ट्रेनों से यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की। प्रशासन ने लोगों के इस सहयोग की सराहना की है।

घटना के बाद रेल यातायात प्रभावित

हादसे के कारण बिलासपुर-गेवरा मार्ग पर रेल यातायात प्रभावित हुआ है। कई ट्रेनों को दूसरे मार्गों पर डायवर्ट किया गया है। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले अपनी ट्रेनों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर लें।

 साय ने जताया दुख 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि,

“यह अत्यंत दुखद घटना है। हम सभी मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।”

मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि घायलों के इलाज में कोई लापरवाही न हो और अस्पतालों में विशेष प्रबंध किए जाएं।

रेलवे ने संकेत दिया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सुरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस हादसे ने एक बार फिर रेल सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह हादसा न सिर्फ रेल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि लापरवाही की एक छोटी सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।

रेलवे और सरकार की ज़िम्मेदारी है कि हर यात्री का सफर सुरक्षित हो — क्योंकि ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं होती।



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