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नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने से निराश ट्रंप, व्हाइट हाउस ने समिति पर साधा निशाना

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 नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा के बाद अमेरिकी राजनीति में नई बहस छिड़ गई है। इस बार पुरस्कार वेनेजुएला की लोकतंत्र समर्थक नेता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है, जबकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नहीं मिलने से व्हाइट हाउस ने नोबेल समिति की आलोचना की है।


व्हाइट हाउस का आरोप -“शांति पर राजनीति को तरजीह”

व्हाइट हाउस के संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने नोबेल समिति पर निशाना साधते हुए कहा,

“नोबेल समिति ने एक बार फिर साबित किया है कि वे शांति की जगह राजनीति को तरजीह देते हैं।”

चेउंग ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध समाप्त करते रहेंगे और लोगों की जान बचाते रहेंगे।

ट्रंप बोले - “मैंने वैश्विक संघर्ष खत्म किए”

ट्रंप ने कई मौकों पर दावा किया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई वैश्विक संघर्षों को समाप्त किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए कहा था कि वे दुनिया में “शांति के वास्तविक वाहक” हैं।

सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने नोबेल विजेता मारिया मचाडो को फोन कर उन्हें बधाई दी और कहा कि वह इस पुरस्कार की हकदार हैं।

गाज़ा युद्धविराम में निभाई थी भूमिका

रिपोर्ट्स के अनुसार, गाज़ा में युद्धविराम के लिए जिस बहु-चरणीय समझौते को हाल में लागू कराया गया, उसमें ट्रंप ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह घोषणा नोबेल पुरस्कार दिए जाने से मात्र दो दिन पहले की गई थी।

व्हाइट हाउस के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप “मानवतावादी दृष्टिकोण” से काम करते हैं और शांति के लिए उनके प्रयासों को नजरअंदाज किया गया है।

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