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छठ महापर्व का दूसरा दिन आज - जानें खरना की पूजन विधि और महत्व

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 Chhath Kharna 2025: लोकआस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा पूरे श्रद्धा-भाव के साथ मनाया जा रहा है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का आज दूसरा दिन है, जिसे खरना कहा जाता है। खरना का दिन छठ व्रत में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन से आगामी 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होती है।


🌞 खरना का धार्मिक महत्व

खरना आत्मसंयम, शुद्धता और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन व्रती अपने मन, विचार और कर्म को शुद्ध करते हुए आने वाले कठोर उपवास के लिए स्वयं को तैयार करते हैं। खरना के दिन बनाए गए प्रसाद को पहले सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है और फिर परिवार एवं श्रद्धालुओं के साथ साझा किया जाता है।

🍚 खरना का प्रसाद और विधि

खरना के अवसर पर मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ियों से गुड़ की खीर बनाई जाती है। यह खीर चावल, दूध और गुड़ से तैयार की जाती है। इसके साथ गेहूं के आटे की रोटी या पूरी भी बनाई जाती है। 

शाम के समय व्रती स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं और सूर्य देव व छठी मैया की आराधना करते हैं। पूजा के बाद भोग अर्पित कर प्रसाद ग्रहण किया जाता है। इसी के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ होता है, जो अगले दिन शाम और उसके बाद सुबह सूर्य अर्घ्य देने के साथ संपन्न होता है।

🔸 खरना का संदेश

खरना न केवल व्रत का आरंभ है, बल्कि यह आत्म-शुद्धि और समर्पण की भावना का प्रतीक भी है। यह दिन व्रती को संयम, श्रद्धा और त्याग के मार्ग पर अग्रसर करता है।

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