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छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की बड़ी कार्रवाई- 1843 लोगों को नोटिस, रायपुर सबसे आगे

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 रायपुर। राज्य गठन के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्तियों पर हुए अवैध कब्जों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है। बीते तीन महीनों में बोर्ड ने प्रदेशभर में 1843 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इनमें से सिर्फ रायपुर जिले में करीब 250 लोगों को नोटिस भेजा गया है।


वक्फ बोर्ड की इस कार्रवाई से कई स्थानों पर विवाद की स्थिति बन गई है। प्रभावित लोगों का कहना है कि वे 25 से 40 सालों से जिन संपत्तियों पर रह रहे हैं, अब अचानक उन्हें वक्फ भूमि बताकर नोटिस भेजा जा रहा है। वहीं, वक्फ बोर्ड का कहना है कि सभी नोटिस रिकॉर्डेड वक्फ संपत्तियों से जुड़े हैं, जिन पर अवैध कब्जा या निर्माण किया गया है।

राज्य में 5723 संपत्तियां दर्ज, 4942 पर विवाद या कब्जा

वक्फ बोर्ड के मुताबिक, प्रदेश में उसकी कुल 5723 संपत्तियां दर्ज हैं, जिनमें से 4942 संपत्तियों पर किसी न किसी प्रकार का विवाद या अतिक्रमण है। बोर्ड ने बताया कि अब इन संपत्तियों को चरणबद्ध तरीके से मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

एक से तीन माह की समयसीमा, जवाब नहीं देने पर सख्त कार्रवाई

जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन्हें एक से तीन माह की समयसीमा दी गई है, ताकि वे अपने स्वामित्व दस्तावेज़ और प्रमाण वक्फ बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर सकें। नियत अवधि में जवाब नहीं देने वालों के खिलाफ अंतिम चेतावनी या कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

रायपुर में सबसे ज्यादा कब्जे, 100 करोड़ की संपत्ति विवादित

वक्फ बोर्ड के अनुसार, राजधानी रायपुर में अवैध कब्जों की संख्या सबसे अधिक है। जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड, नयापारा, बैजनाथपारा, मोमिनपारा, पुरानी बस्ती, टिकरापारा, नेहरूनगर और ईदगाहभाठा जैसे क्षेत्रों में करीब 200 से अधिक संपत्तियों पर कब्जा है। इनकी अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है।

वक्फ बोर्ड का पक्ष : “अब सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी”

वक्फ बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि पहले भी कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन लोगों ने गंभीरता नहीं दिखाई।
“अब कानूनी रूप से सख्त कार्रवाई की जा रही है ताकि वक्फ संपत्तियों की रक्षा हो सके,” एक अधिकारी ने बताया।

उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम की धारा 4 के तहत हर 10 साल में संपत्ति सर्वेक्षण का प्रावधान है, लेकिन राज्य गठन (2000) के बाद यह सर्वे केवल एक बार 2023 में हुआ।

इस सर्वे में यह तथ्य सामने आया कि वक्फ बोर्ड के पास लगभग 3500 करोड़ रुपए की शहरी और 1500 करोड़ रुपए की ग्रामीण संपत्तियां हैं। इनमें से बड़ी संख्या में अवैध कब्जे हो चुके हैं। कई स्थानों पर खाली जमीनों पर स्थायी निर्माण भी किए गए हैं, जिन्हें हटाना अब चुनौतीपूर्ण हो गया है।

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