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नारी ही सृष्टि का आधार, समाज की धुरी और प्रेरणा है : डेका

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रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका आज सरोना में आयोजित विराट क्षत्रिय दशहरा मिलन समारोह एवं वीरांगना राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने समाज में नारी शक्ति की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि मातृशक्ति परिवार को एक सूत्र में बांधने और समाज की नैतिक दिशा तय करने का कार्य करती है।

राज्यपाल ने कहा कि नारी जीवन का वह आधार है, जिसके बिना मानव अस्तित्व की कल्पना असंभव है। उन्होंने नारी की तुलना जल से करते हुए कहा कि जिस प्रकार पानी के बिना जीवन असंभव है, उसी प्रकार नारी के बिना भी यह सृष्टि अधूरी है।

अपने उद्बोधन में राज्यपाल ने जीवन को आनंदपूर्वक जीने के सूत्र साझा किए। उन्होंने कहा कि जीवन अनुपम है, इसे हर क्षण आनंद से जीना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि पैसा केवल जीवन की आवश्यक जरूरतों भोजन, शिक्षा और मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है, लेकिन वास्तविक सुख शांति और संतोष में ही निहित है। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए ईमानदार प्रयास आवश्यक है, परंतु यदि प्राप्त न हो तो उसका अफसोस नहीं करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि आज देश और समाज के सामने अनेक चुनौतियां हैं, जिन पर जागरूक होकर विचार और समाधान करना आवश्यक है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किए गए “मां के नाम एक पेड़” अभियान में सभी को सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि माइक्रोप्लास्टिक आज पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। इसका उपयोग कम से कम करने और आने वाली पीढ़ियों को इसके दुष्प्रभावों से बचाने की दिशा में काम करने की जरूरत है।

राज्यपाल ने कहा कि जो व्यक्ति समय के पाबंद और अनुशासित होते हैं, वे जीवन में अवश्य सफल होते हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा कि यहां के लोगों में समाज सेवा की अद्भुत प्रवृत्ति है।

राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ के महिला स्व-सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि क्षत्रीय समाज की महिलाओं को भी इस दिशा में आगे आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज सदैव राष्ट्र रक्षा और जनसेवा के लिए पहचाना गया है। आज समाज की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। आप सब मिलकर समाज को संगठित करें, व्याप्त कुरीतियों को दूर करें और देश के विकास में भागीदार बनें।

राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि इस अधिवेशन से जो संदेश जाएगा, वह समाज में एकता, संगठन और प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

कार्यक्रम में वीरांगना की मुख्य संरक्षिका वीणा रमन सिंह ने अपना प्रेरणादायी संबोधन दिया।

वीरांगना की राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलू सिंह ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर समाज के राष्ट्रीय महामंत्री राघवेंद्र सिंह राजू, राष्ट्रीय संगठन मंत्री अमित कुमार सिंह , तथा राजपूत निस्वार्थ सेवा संघ की अध्यक्ष श्रीमती इला कलचुरी ने भी अपने विचार रखे।

राज्यपाल रमेन डेका ने समाज के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाली वीरांगनाओं को सम्मानित किया।

समारोह में क्षत्रिय समाज के पदाधिकारी, सदस्यगण और बड़ी संख्या में महिलाएं एवं नागरिक उपस्थित थे।


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