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अमित शाह ने मुंबई में ‘इंडिया मैरिटाइम वीक 2025’ का उद्घाटन किया, कहा – भारत का ‘मैरिटाइम मोमेंट’ बन रहा वैश्विक शक्ति का प्रतीक

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केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज मुंबई, महाराष्ट्र में ‘इंडिया मैरिटाइम वीक – 2025’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मजी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, तथा बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री  सर्बानंद सोनोवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि यह भारत का “मैरिटाइम मोमेंट” है, जो “गेटवे ऑफ इंडिया” को “गेटवे ऑफ द वर्ल्ड” में बदल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में हुए मैरिटाइम समिट्स ने सिद्ध कर दिया है कि समुद्री अर्थव्यवस्था में किए गए गहरे संरचनात्मक सुधारों के चलते भारत आज वैश्विक समुद्री मानचित्र पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरा है।

उन्होंने बताया कि भारत की 11,000 किलोमीटर लंबी तटरेखा, 13 तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मिलकर देश के GDP का लगभग 60 प्रतिशत योगदान देते हैं। भारत का 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर का एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन (EEZ) वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करता है, जहां लगभग 80 करोड़ लोग निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) के 38 देश वैश्विक निर्यात में 12 प्रतिशत योगदान देते हैं, और यह समिट इस अपार क्षमता को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत अपनी समुद्री स्थिति, लोकतांत्रिक स्थिरता और नौसैनिक क्षमता के बल पर इंडो-पैसिफिक और ग्लोबल साउथ के बीच एक सेतु की भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई समुद्री इतिहास रचने के लिए तैयार है, और 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति इसका प्रमाण है कि भारत की समुद्री परंपरा आज भी वैश्विक साझेदारी और क्षेत्रीय स्थिरता का केंद्र बिंदु बनी हुई है।

गृह मंत्री ने कहा कि “इंडिया मैरिटाइम वीक” इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित समुद्री संवाद मंच बन चुका है। इस वर्ष 100 से अधिक देशों के 350 वक्ता, 500 से अधिक कंपनियां और एक लाख से अधिक प्रतिभागी इसमें हिस्सा लेंगे, जिससे 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मैरिटाइम दृष्टि “सुरक्षा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता” पर आधारित है। “सागरमाला”, “ब्लू इकोनॉमी” और “ग्रीन मैरिटाइम विजन” जैसी पहलों के माध्यम से भारत ने लक्ष्य रखा है कि 2047 तक भारत विश्व के शीर्ष 5 शिपबिल्डिंग देशों में शामिल हो।

गृह मंत्री ने बताया कि “सागरमाला” परियोजना के तहत 839 परियोजनाएं निर्धारित की गई हैं, जिनकी कुल लागत 70 अरब डॉलर है। इनमें से 272 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसके अलावा 5 अरब डॉलर की ग्रेट निकोबार परियोजना निर्माणाधीन है, जो भारत के वैश्विक समुद्री व्यापार को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।

उन्होंने कहा कि भारत “ब्लू इकोनॉमी” को मजबूत कर रहा है, जिससे सुरक्षा, तटीय सुरक्षा और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। पिछले एक दशक में तटीय शिपिंग में 118 प्रतिशत और कार्गो हैंडलिंग में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अंत में, शाह ने कहा कि भारत का लक्ष्य प्रकृति के साथ संतुलन रखते हुए “ग्रीन मैरिटाइम फ्यूचर” का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि भारत यह नहीं भूलता कि छोटे द्वीपीय राष्ट्र और ग्लोबल साउथ के कई देश समुद्र पर अपनी आजीविका और अस्तित्व के लिए निर्भर हैं। इसलिए भारत एक हरित, समृद्ध और साझा महासागर के निर्माण के विजन के साथ आगे बढ़ रहा है।


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