रायपुर: पूर्व आबकारी आयुक्त और रिटायर्ड IAS निरंजन दास को राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ गिरफ्तारी से राहत याचिका खारिज करने के बाद हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े कई मामलों में दायर याचिकाएं खारिज कर दी हैं। अदालत ने पहले इस मामले में शामिल 6 अफसरों पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं लेने के आदेश दिए थे, जिसमें निरंजन दास का नाम भी था। अब इन याचिकाओं के खारिज होने के बाद गिरफ्तारी पर रोक हट गई है।
26 अगस्त को EOW ने रायपुर कोर्ट में छठा आरोप पत्र दाखिल किया था। यह आरोप पत्र विदेशी शराब पर लिए गए कमीशन से संबंधित है। जांच में सामने आया कि तत्कालीन आबकारी विभाग में सिंडिकेट एक्टिव था, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी अनिल टुटेजा, अरुण पति त्रिपाठी, निरंजन दास और अनवर ढेबर शामिल थे।
कोर्ट ने शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में दर्ज दो मामलों को अलग प्रकृति का मानते हुए अगली सुनवाई तक सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और EOW को जांच पूरी करने की समय सीमा भी तय की है। अदालत ने निर्देश दिया कि ईडी तीन महीने में और EOW दो महीने में अपनी जांच पूरी करें।