त्योहारों का मौसम आते ही हर जगह सेल और डिस्काउंट का क्रेज छा जाता है। बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से लेकर लोकल रिटेल दुकानों तक ग्राहकों को लुभाने के लिए ऑफर्स की बाढ़ आ जाती है।
लेकिन यही मौका साइबर अपराधियों के लिए जाल बिछाने का होता है। नकली वेबसाइट्स और फर्जी कस्टमर केयर नंबर के जरिए वे ग्राहकों को फंसा लेते हैं।
स्कैमर्स कैसे फंसाते हैं?
- SMS या ईमेल पर भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो सकती है।
- कई मामलों में पेमेंट हो जाता है, लेकिन सामान कभी नहीं पहुंचता।
- नकली वेबसाइट्स असली साइट जैसी दिखती हैं, जिससे ग्राहक धोखा खा जाते हैं।
एक्सपर्ट्स की चेतावनी
- बिना सोच-समझे किसी भी ऑफर पर क्लिक न करें।
- बहुत ज्यादा डिस्काउंट, ‘फ्री गिफ्ट’ या अविश्वसनीय ऑफर्स स्कैम का संकेत हैं।
- बचाव के 6 जरूरी उपाय
- ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप से ही खरीदारी करें।
- किसी अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें।
- पेमेंट से पहले वेबसाइट का सिक्योरिटी सर्टिफिकेट (https://) चेक करें।
- बहुत ज्यादा डिस्काउंट वाले ऑफर्स से सावधान रहें।
- डिलीवरी अपडेट केवल कंपनी की ऐप/वेबसाइट से लें।
- OTP, UPI पिन और बैंक डिटेल किसी के साथ साझा न करें।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पब्लिक वाई-फाई पर शॉपिंग करना सबसे बड़ा खतरा है। सुरक्षित रहने के लिए प्रीपेड कार्ड या सिक्योर पेमेंट ऑप्शन का इस्तेमाल करें।