सिर्फ विटामिन डी नहीं, जीवन का आधार है सूरज की रोशनी
रायपुर-देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और हर घर तक स्वच्छ, सस्ती एवं निरंतर बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल नागरिकों को बिजली बिल से राहत दिला रही है, बल्कि परिवारों को आत्मनिर्भर बनाते हुए पर्यावरण संरक्षण में भी क्रांतिकारी योगदान दे रही है।
छत्तीसगढ़ में इस योजना का क्रियान्वयन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रभावी और संवेदनशील ढंग से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में सौर ऊर्जा को अपनाने की गति तेज हुई है।
देश की “पावर कैपिटल” कहलाने वाले कोरबा जिले में प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना का प्रभाव विशेष महत्व रखता है। यहाँ अनेक परिवार इस योजना का लाभ उठाकर हर महीने बचत कर रहे हैं और बिजली बिल के झमेले से मुक्त हो रहे हैं। इनमें से एक प्रेरक उदाहरण हैं नकटीखार, कोरबा निवासी रंजीत कुमार, जिन्होंने अपने परिवार के जीवन में ऊर्जा क्रांति की राह प्रशस्त की है।
रंजीत कुमार, जो एसईसीएल, कुसमुंडा में डंपर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत हैं, मेहनतकश व्यक्ति हैं। हर महीने आने वाला बिजली बिल परिवार के बजट और बच्चों की पढ़ाई के खर्चों को प्रभावित करता था। जब उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के बारे में जाना, तो तुरंत आवेदन कर इसका लाभ उठाया। दो महीने पहले उन्होंने अपने घर की छत पर सोलर पैनल सिस्टम लगवाया। इसकी कुल लागत लगभग ₹2,10,000 थी, जिसमें ₹78,000 केंद्र सरकार की सब्सिडी पहले ही प्राप्त हो चुकी थी। शेष राशि उन्होंने सस्ती लोन और कुछ नकद भुगतान से दी। कुछ ही हफ्तों में यह निवेश उनके जीवन के लिए सबसे बड़ा वरदान साबित हुआ। पहले जहां उनका घर का बिजली बिल हजारों रुपए तक पहुँचता था, अब सौर ऊर्जा से चल रहे घर का मासिक बिल मात्र ₹130 है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना केवल आर्थिक स्थिति सुधारने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण की भी मित्र है। सौर ऊर्जा से कोयला और डीज़ल जैसे पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम होती है और वायु प्रदूषण में भी भारी कमी आती है। औद्योगिक जिले कोरबा में, जहां कोयला आधारित बिजली उत्पादन अधिक है, वहां सौर ऊर्जा का बढ़ता उपयोग पर्यावरण संरक्षण में ऐतिहासिक योगदान देता है।