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अमेरिका में H-1B वीज़ा शुल्क वृद्धि से भारतीय आईटी क्षेत्र में चिंता

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 H-1B वीज़ा शुल्क वृद्धि पर भारत में हलचल:

अमेरिका में H-1B वीज़ा आवेदन शुल्क में $100,000 की अभूतपूर्व वृद्धि ने भारतीय तकनीकी पेशेवरों और उनके परिवारों में चिंता की लहर दौड़ा दी है। यह शुल्क वृद्धि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुक्रवार को घोषित की गई थी। व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि यह शुल्क केवल नए आवेदनों पर लागू होगा, मौजूदा वीज़ा धारकों पर नहीं।

✈️ उड़ानों में अफरा-तफरी:

नए नियमों की घोषणा के बाद, भारतीय H-1B वीज़ा धारक अमेरिका से भारत लौटने के लिए बेताब हो गए। इससे एयरलाइनों में भारी भीड़ और उड़ानों में देरी हुई। कुछ यात्रियों ने उड़ान से उतरने की मांग की, जिससे विमान परिचालन में व्यवधान उत्पन्न हुआ।

💼 जोहो के संस्थापक का संदेश:

जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने H-1B वीज़ा धारकों से भारत लौटने की अपील की है। उन्होंने इसे विभाजन के समय की तरह एक अवसर के रूप में देखा, जिसमें लोग अपने जीवन को फिर से बना सकते हैं। उन्होंने कहा, "यह दुख की बात है, लेकिन यह समय है कि आप घर लौटें।"

भारत की प्रतिक्रिया:

भारत सरकार ने इस कदम को मानवीय दृष्टिकोण से चिंताजनक बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा कि यह नीति परिवारों के लिए कठिनाई पैदा कर सकती है। नैसकॉम ने भी चेतावनी दी है कि इससे भारतीय आईटी कंपनियों की वैश्विक संचालन क्षमता प्रभावित हो सकती है। 

📌 मुख्य बिंदु:

  • नए H-1B वीज़ा आवेदन पर $100,000 शुल्क लागू होगा।

  • मौजूदा वीज़ा धारकों पर यह शुल्क लागू नहीं होगा।

  • भारत सरकार ने इस नीति को मानवीय दृष्टिकोण से चिंताजनक बताया है।

  • जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने भारत लौटने की अपील की है।


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