नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग (EC) पर चुनावों में मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने उन्हें औपचारिक पत्र भेजकर जवाब दिया है। उन्होंने राहुल गांधी से कहा है कि यदि उनके पास मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों से संबंधित सबूत हैं, तो वे उन्हें शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करें। ऐसा नहीं करने पर, उन्हें अपने बयान वापस लेने और जनता को गुमराह करना बंद करने को कहा गया है।
क्या कहा राहुल गांधी ने?
- 11,965 फर्जी मतदाता
- 40,009 मतदाता फर्जी या अवैध पते वाले
- 10,452 बल्क मतदाता (एक ही पते पर दर्ज)
- 4,132 अवैध फोटो वाले मतदाता
- 33,692 नए मतदाता जिनके फॉर्म-6 का दुरुपयोग हुआ
राहुल गांधी ने कहा,
"यह चुनाव आयोग का डेटा है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इस जानकारी का खंडन नहीं किया है। उन्होंने यह नहीं कहा कि जिस वोटर लिस्ट की मैं बात कर रहा हूँ, वह गलत है। क्यों नहीं कहते इसे गलत? क्योंकि आप भी सच्चाई जानते हैं।"
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा:
“आपने अयोग्य मतदाताओं को शामिल करने और योग्य मतदाताओं को बाहर रखने का आरोप लगाया है। कृपया मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें और उन मतदाताओं के नाम साझा करें जिनके बारे में आपने बात की है, ताकि उचित कानूनी कार्यवाही शुरू की जा सके। अन्यथा, अपने बयान वापस लें।”
राहुल गांधी का जवाब
चुनाव आयोग की इस मांग पर राहुल गांधी ने कहा:
“मैं एक राजनेता हूँ। जो जनता से कहता हूँ, वही मेरा वचन है। मैं इसे सार्वजनिक रूप से कह रहा हूँ — इसे ही मेरी शपथ मानिए।”
उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि प्रस्तुत आंकड़े कांग्रेस के नहीं, बल्कि चुनाव आयोग के ही हैं। उन्होंने EC पर सवाल उठाते हुए कहा:
“आपने इस डेटा को गलत क्यों नहीं कहा? क्योंकि आपको पता है कि यह सच है — और हमें भी पता है कि आपने पूरे देश में ऐसा किया है।”
क्या है मामला?
चुनाव आयोग - आरोप साबित करने के लिए शपथपत्र और सबूत पेश करें, वरना बयान वापस लें